ओलंपिक में भारतीय हॉकी गोलकीपर श्रीजेश की प्रेरणा हैं पीटी ऊषा

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 20-07-2021
ओलंपिक में भारतीय हॉकी गोलकीपर श्रीजेश की प्रेरणा हैं पीटी ऊषा
ओलंपिक में भारतीय हॉकी गोलकीपर श्रीजेश की प्रेरणा हैं पीटी ऊषा

 

आवाज- द वॉयस/ टोक्यो/ एजेंसी

ओलंपिक में पकद की उम्मीदों के साथ भारतीय हॉकी टीम टोक्यो पहुंच गई है. भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश इसमें अहम भूमिका निभाने वाले हैं. एक बातचीत में उन्होंने कहा कि ओलंपिक खेलना हमेशा से उनका सपना रहा है और वह अपने बचपन के दिनों मे धाविका पीटी ऊषा को दौड़ते देख प्रेरित हुए थे.

हॉकी टीम के साथ टोक्यो पहुंच चुके श्रीजेश ने यह भी कहा कि कहा कि वह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखते हुए बड़े हुए हैं. विश्व के टॉप गोलकीपरों में शुमार केरल निवासी श्रीजेश ने कहा, “मेरी शुरूआती ओलंपिक स्मृति पीटी उषा की थी और क्योंकि मैं केरल से आता हूं, हर घर उसका नाम जानता था और हम सब जानते हैं कि वह ओलंपिक में पदक जीतने के कितने करीब आ गई थी. हॉकी में, मैंने धनराज पिल्लै को देखा और बारीकी से उनके करियर का अनुसरण किया.”

हालांकि श्रीजेश ने 2006 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया था, लेकिन उन्हें ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए छह साल और इंतजार करना पड़ा.

श्रीजेश ने कहा, “दुर्भाग्य से, हम 2008 में बीजिंग के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर पाए और हॉकी उन दिनों बुरे वक्त का सामना कर रही थी. लेकिन चीजें बेहतर हुईं. 2008 और 2012 के बीच, पहला बड़ा लक्ष्य लंदन ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करना था. हालांकि हमारा प्रदर्शन निराशाजनक रहा. वहां, कोर ग्रुप में बने रहने वाले खिलाड़ी जानते थे कि हमें स्तर को ऊंचा करना होगा और एशिया में एक प्रमुख टीम बनने पर ध्यान केंद्रित करना होगा."

ओलंपिक में भारत के लिए तीसरी बार हिस्सा लेने जा रहे गोलकीपर ने कहा, हमने 2014 के एशियाई खेलों और रियो ओलंपिक के लिए सीधी योग्यता हासिल करने का लक्ष्य रखा था और हम इसे हासिल करने में सफल रहे थे.

श्रीजेश ने कहा कि ओलंपिक के लिए टोक्यो पहुंचने के बाद टीम में शामिल खिलाड़ियों में जबरदस्त उत्साह है और वह अब मैचों के लिए इंतजार नहीं कर सकती.

श्रीजेश ने कहा, यह वह क्षण है जिसका हम सभी इंतजार कर रहे थे. हम मैचों के साथ आगे बढ़ने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने और मैच-दर-मैच अपनी गति बनाने के लिए इंतजार नहीं कर सकते."

श्रीजेश मानते हैं कि इस बार मुकाबला काफी करीबी होगा क्योंकि इस बार कोई भी सम्भावित विजेता की भविष्यवाणी करता नहीं दिख रहा है.

बकौल श्रीजेश, "मुझे लगता है कि कोई भी इस बार किसी भी टीम की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है. सिर्फ इसलिए कि हमने पिछले 15 महीनों में एक-दूसरे को खेलते हुए नहीं देखा है. बहुत सारे सरप्राइज भी हो सकते हैं और हम इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हैं.”

ग्रुप-ए में पूल की गई भारतीय पुरुष टीम 24 जुलाई को न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेगी.

श्रीजेश ने टीम की रणनीति पर कहा, हमें संयम रखते हुए शुरूआती मैच में अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है. एक मजबूत शुरूआत के लिए ओलंपिक जैसे टूर्नामेंट में काफी महत्वपूर्ण है. यह ग्रुप चरण में अन्य मैचों के लिए सही गति प्रदान करेगा.