नई दिल्ली
प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (पीजीटीआई) ने युवराज सिंह समर्थित इंडियन गोल्फ प्रीमियर लीग (आईजीपीएल) में भाग लेने के लिए 17 गोल्फरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन गोल्फरों में अनुभवी खिलाड़ी गगनजीत भुल्लर भी शामिल हैं, जिन्होंने इसे 'अस्थायी निलंबन' बताया है।
पीजीटीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमनदीप जोहल ने बुधवार को बताया कि इस मामले पर अंतिम फैसला 27 सितंबर को अनुशासनात्मक समिति की बैठक के बाद लिया जाएगा। ओलंपियन और एशियाई टूर विजेता भुल्लर के अलावा अमन राज, हरेंद्र गुप्ता, करणदीप कोचर और सचिन बैसोया भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने 17 से 19 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित आईजीपीएल में हिस्सा लिया था।
विवाद का मुख्य कारण: समान तारीखें
विवाद का मुख्य कारण आईजीपीएल और पीजीटीआई के चेन्नई ओपन की तारीखों का एक ही समय पर पड़ना है।जोहल ने स्पष्ट किया कि पीजीटीआई को सदस्यों के किसी बाहरी टूर्नामेंट में खेलने से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते वह पीजीटीआई के कैलेंडर की तारीखों के साथ न टकराए। उन्होंने कहा, "अगर इसकी तारीख हमारे कैलेंडर से इतर होती तो कोई बात नहीं थी। लेकिन जब हमारे टूर्नामेंट भी समान तारीख में हैं, तो हम अपने प्रायोजकों से क्या कहेंगे?"
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दौरों से तुलना करते हुए कहा, "इसलिए हमने कहा कि हमारे टूर्नामेंट के दौरान इन टूर्नामेंटों में न खेलें। लेकिन उनका जवाब है कि हम जब चाहें खेलेंगे। आप एक ही समय में दो नाव की सवारी नहीं कर सकते। यह नियम है, अगर आप इसका उल्लंघन करते हैं तो जांच होनी चाहिए।"
खिलाड़ियों का विरोध और कानूनी कार्रवाई
हालांकि, भुल्लर के करीबी सूत्रों ने पीजीटीआई के रुख को अनुचित बताया है। सूत्रों ने दावा किया कि खिलाड़ी स्वतंत्र पेशेवर हैं और पीजीटीआई के साथ किसी भी अनुबंध संबंधी बाध्यता के अधीन नहीं हैं।
वहीं, नोटिस पाने वाले खिलाड़ियों में शामिल सचिन बैसोया ने आईजीपीएल में खेलने के फैसले के बाद मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है और इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। बैसोया ने कहा कि पीजीटीआई उन्हें वेतन नहीं देता है, इसलिए वे कहीं भी खेलने के लिए स्वतंत्र हैं।
बैसोया ने आरोप लगाया कि पीजीटीआई ने उन्हें तेलंगाना गोलकोंडा मास्टर्स के लिए हैदराबाद पहुंचने के बाद अचानक निलंबन नोटिस भेजा। उनके अनुसार, "कोई पूर्व सूचना नहीं, बस निलंबन।"
आरोपों का जवाब देते हुए जोहल ने कहा कि देरी इसलिए हुई क्योंकि मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण उन्हें अपने वकील से पत्र की कानूनी जांच करवानी पड़ी थी।
नियमों के क्रियान्वयन पर सवाल
लाड़ियों ने नियमों को लागू करने में कथित विसंगतियों पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पीजीटीआई की शासी संस्था के कुछ सदस्यों को पुणे टूर्नामेंट में खेलने की अनुमति दी गई थी, जो टूर के नेक्स्ट जेन टूर्नामेंट के साथ ही पड़ रहा था।
इस पर जोहल ने जवाब दिया कि उन खिलाड़ियों ने पहले ही अनुमति मांगी थी और उन्हें यह दी गई थी। उन्होंने कहा, "अगर आप अनुमति मांगते हैं, तो हम इस पर विचार करेंगे। मैंने कुछ खिलाड़ियों को आईजीपीएल के चंडीगढ़ चरण के लिए भी अनुमति दी थी। लेकिन आप बिना मंजूरी के हमारे किसी एक टूर्नामेंट से हटकर कहीं और नहीं खेल सकते।"
आईजीपीएल की शुरुआत इसी महीने भारतीय गोल्फ संघ और भारतीय महिला गोल्फ संघ के साथ साझेदारी में हुई है, और यह इस साल 11 टूर्नामेंट आयोजित करेगा।