नॉर्वे शतरंज: कार्लसन ने रोमांचक मुकाबले में विश्व चैंपियन गुकेश को हराया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 27-05-2025
Norway Chess: Carlsen beats world champion Gukesh in a thrilling match
Norway Chess: Carlsen beats world champion Gukesh in a thrilling match

 

स्टावेंजर
 
विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन ने अंतिम क्षणों में अपनी विशेषज्ञता का शानदार नमूना पेश करते हुए यहां खेले जा रहे नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट के पहले दौर में मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश को रोमांचक मुकाबले में हराकर पूरे तीन अंक हासिल किए.
 
पांच बार के विश्व चैंपियन 34 वर्षीय कार्लसन और उनसे आधी उम्र के गुकेश के बीच खेले जा रहे इस मैच को टूर्नामेंट का सबसे बड़ा मुकाबला माना जा रहा था. गुकेश ने चार घंटे से अधिक समय तक चले क्लासिकल शतरंज के इस मुकाबले में अधिकतर समय तक नॉर्वे के गत चैंपियन को दबाव में रखा, लेकिन इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने एक गलती की जिसका फायदा उठाकर कार्लसन ने 55 चाल में जीत हासिल की.
इस जीत से कार्लसन ने तीन अंक अर्जित किए और वह अमेरिकी ग्रैंडमास्टर और विश्व के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा के साथ संयुक्त बढ़त पर हैं. नाकामुरा ने हमवतन फैबियानो कारूआना को हराया.
 
प्रतियोगिता में भाग ले रहे दूसरे भारतीय खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी ने चीन के नंबर एक खिलाड़ी वेई यी को आर्मागेडन गेम में हराया. इससे पहले क्लासिकल बाजी 54 चाल में बराबरी पर छूटी थी. एरिगैसी ने जीत से 1.5 अंक, जबकि वेई ने एक अंक हासिल किया. टूर्नामेंट की स्कोरिंग प्रणाली में क्लासिकल प्रारूप में विजेता को तीन अंक मिलते हैं. यदि क्लासिकल बाजी ड्रा हो जाती है, तो खिलाड़ियों को एक-एक अंक मिलता है और फिर आर्मागेडन में आधे अंक के लिए खेलना होता है. एरिगैसी का दूसरे दौर में गुकेश से मुकाबला होगा.
 
इस बीच दो बार की विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी ने हम वतन भारतीय खिलाड़ी आर वैशाली के खिलाफ निर्णायक जीत दर्ज की. यह मुकाबला सहजता से आगे बढ़ रहा था लेकिन आखिर में वैशाली एक गलती कर गई जिसका फायदा उठाकर हम्पी ने जीत हासिल की. कार्लसन और गुकेश का मैच निर्णायक क्षणों तक चला, जिसमें नॉर्वे के खिलाड़ी ने सफेद मोहरों से खेलते हुए अपने प्रतिद्वंद्वी पर आखिर में दबाव बनाकर जीत हासिल की. कार्लसन की शुरुआत हालांकि उम्मीद के अनुरूप नहीं रही और उन्होंने बाद में इसे स्वीकार भी किया.
 
कार्लसन ने कहा, ‘‘मुझे अभी अहसास हुआ कि मैं कुछ भी नहीं जानता. मैंने उन्हें आश्चर्य चकित करने की कोशिश की. मैंने उसी तरह का खेल खेला जैसे मैं हमेशा खेलते रहा हूं. इस टूर्नामेंट में हर मैच में जीत हासिल करना आसान नहीं है.’’
असल में काले मोहरों से खेल रहे गुकेश ने 11वीं चाल तक अपने प्रतिद्वंद्वी की सफेद मोहरों की बढ़त को बेअसर कर दिया था, जब उन्होंने नॉर्वे के खिलाड़ी को 15 मिनट से अधिक समय तक सोचने पर मजबूर कर दिया था.
 
लेकिन अब रैपिड और ब्लिट्ज़ जैसे छोटे प्रारूपों में तथा हाल ही में फ्रीस्टाइल शतरंज में खेलने लगे 34 वर्षीय कार्लसन ने 55 चाल में जीत हासिल करके दिखा दिया कि उन्होंने क्लासिकल प्रारूप के साथ अपना संपर्क नहीं खोया है. इस टूर्नामेंट में ओपन और महिला वर्ग में चोटी के छह छह खिलाड़ी भाग में रहे हैं.