चाय उद्योग में छोटे-बड़े सभी उत्पादकों की जगह बनी रहनी चाहिए: असम मुख्य सचिव

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 10-10-2025
There should be space for all producers, big or small, in the tea industry: Assam Chief Secretary
There should be space for all producers, big or small, in the tea industry: Assam Chief Secretary

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली


 
असम के मुख्य सचिव रवि कोटा ने कहा कि चाय उद्योग में मौजूदा दोहरी संरचना यानी छोटे और बड़े संगठित उत्पादकों की उपस्थिति, लंबे समय तक बनी रहनी चाहिए।
 
असम भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य है और देश की सालाना फसल में इसकी लगभग आधी हिस्सेदारी है।
 
कोटा ने बृहस्पतिवार शाम भारतीय चाय संघ (आईटीए) की वार्षिक आम बैठक में कहा, ''दोहरी संरचना, यानी बड़े संगठित खिलाड़ियों और छोटे चाय उत्पादकों (एसटीजी) की उपस्थिति बनी रहनी चाहिए, और उन्हें एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाए बिना साथ मिलकर रहना चाहिए।''
 
उन्होंने कहा कि बड़े संगठित क्षेत्र को बागान अधिनियम के तहत कुछ कल्याणकारी दायित्वों को पूरा करना होता है, जिनका पालन एसटीजी नहीं करते हैं।
 
एसटीजी भारत के वार्षिक चाय उत्पादन में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं।
 
कोटा ने चाय के लिए न्यूनतम स्थायी मूल्य की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि एक ऐसा मॉडल तैयार किया जाना चाहिए जो न्यायसंगत हो।
 
उन्होंने कहा कि चाय के आयात के मामले में कहा कि ग्राहकों को उत्पाद के मूल स्रोत का पता चलना चाहिए।