#WorldMentalHealthDay : नई पीढ़ी के लिए मन की सेहत भी है ज़रूरी

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 10-10-2025
#WorldMentalHealthDay: Mental health is also important for the new generation
#WorldMentalHealthDay: Mental health is also important for the new generation

 

अर्सला खान/नई दिल्ली

डिजिटल युग में युवाओं की ज़िंदगी सोशल मीडिया के इर्द-गिर्द घूमने लगी है. हर दिन परफेक्ट तस्वीरें, फिटनेस गोल्स और सफलता की कहानियां देखकर वे खुद की तुलना दूसरों से करने लगते हैं. यह तुलना धीरे-धीरे आत्मविश्वास को कम करती है और चिंता को बढ़ाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार स्क्रीन पर रहने और वर्चुअल दुनिया में खोए रहने से युवाओं में एंग्जायटी और डिप्रेशन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
 
सोशल मीडिया की चमक के पीछे बढ़ता मानसिक दबाव

दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. अनुराग मिश्रा बताते हैं, “आज की जेनरेशन भावनात्मक रूप से संवेदनशील है, लेकिन वो अपनी भावनाओं को साझा करने से डरती है। उन्हें लगता है कि अगर वे अपनी परेशानी बताएंगे तो ‘वीक’ समझे जाएंगे.
 
 पढ़ाई, करियर और रिश्तों का ट्रिपल प्रेशर

स्कूलों और कॉलेजों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, करियर की अनिश्चितता और रिश्तों की जटिलता ने युवाओं को भीतर से थका दिया है। नींद की कमी, समय पर भोजन न करना और लगातार तनाव में रहना अब आम बात बन गई है. नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे के अनुसार, भारत में हर सातवां युवा किसी न किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा है, लेकिन उनमें से अधिकांश मदद नहीं लेते.
 
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अब यह समय है जब समाज को मानसिक सेहत को उतनी ही प्राथमिकता देनी चाहिए, जितनी शारीरिक स्वास्थ्य को दी जाती है.
 
अब ‘मेंटल हेल्थ’ पर खुलकर बात हो रही है

सकारात्मक बदलाव यह है कि अब युवा मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात कर रहे हैं. कई स्कूलों में काउंसलर रखे जा रहे हैं, कंपनियां अपने कर्मचारियों को “मेंटल हेल्थ डे” दे रही हैं, और सोशल मीडिया पर ‘सेल्फ-केयर’ जैसे शब्द सामान्य होते जा रहे हैं.
 
डॉक्टरों का मानना है कि छोटी-छोटी आदतें बड़ा फर्क ला सकती हैं. जैसे दिन में कुछ समय मोबाइल से दूर रहना, पर्याप्त नींद लेना, नियमित व्यायाम करना और जर्नलिंग या ध्यान जैसी तकनीक अपनाना.