योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश को 2027 तक बाल श्रम मुक्त बनाने का संकल्प लिया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 19-05-2025
Yogi Adityanath government vows to make Uttar Pradesh child labour free by 2027
Yogi Adityanath government vows to make Uttar Pradesh child labour free by 2027

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश को 2027 तक बाल श्रम मुक्त बनाने का संकल्प लिया

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने बाल श्रम के विरुद्ध निर्णायक अभियान शुरु कर 2027 तक राज्य को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का संकल्प लिया है.
 
सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार यह लक्ष्य तय करते हुए सरकार ने बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतार दिया है. जागरूकता से लेकर शिक्षा और पुनर्वास तक, हर स्तर पर ठोस प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि बचपन को मजबूरी नहीं, अवसर मिल सके.
 
बयान के मुताबिक, राज्य सरकार ने बाल श्रम की रोकथाम के लिए 12 जून को अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के माध्यम से विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है. इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों का स्थान केवल स्कूल में है, श्रम में नहीं. इसके लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से समन्वय बनाकर जागरुकता अभियान को धार दी जाएगी.
 
राज्य सरकार के प्रयासों से 2017-18 से 2024-25 तक 12,426 बाल श्रमिकों का शैक्षिक पुनर्वास कराया गया है, ताकि ये बच्चे फिर से विद्यालय में जाकर एक नई शुरुआत कर सकें. यही नहीं, इन बच्चों के परिवारों को भी सरकार ने अकेला नहीं छोड़ा। ऐसे 1,089 परिवारों को आर्थिक पुनर्वास के जरिए सहायता दी गई है, ताकि वे मजबूरीवश अपने बच्चों से काम न करवाएं. सरकार द्वारा संचालित ‘बाल श्रमिक विद्या योजना’ के अंतर्गत 2,000 कामकाजी बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया है और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई, जिससे उनके पढ़ाई के रास्ते में कोई बाधा न आए. यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी बदलने का काम कर रही है.
 
श्रम कल्याण परिषद के माध्यम से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए आठ कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं. इनके संचालन के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध कराई है. वर्ष 2024-25 में अब तक 309 श्रमिकों को 1.32 करोड़ रुपये की सहायता देकर राहत पहुंचाई जा चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि बचपन से बड़ा कोई भविष्य नहीं होता, और बच्चों से बड़ा कोई निवेश नहीं. इसी सोच के तहत सरकार हर बच्चे को बाल श्रम से मुक्त कर शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान की दिशा में अग्रसर कर रही है.