पीओके को पाकिस्तान का प्रांत नहीं बनने देंगे: फारूक हैदर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 23-06-2021
फारूक हैदर
फारूक हैदर

 

नई दिल्ली. कथित आजाद जम्मू एवं कश्मीर (एजेके) के कथित प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर खान ने दावा किया है कि उन्हें एजेके से आजाद शब्द हटाने के लिए कहा गया था. इसके साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह एजेके को पाकिस्तान का प्रांत बनने की अनुमति नहीं देंगे.

बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को कुछ स्वयंभू नेताओं की ओर से आजाद जम्मू एवं कश्मीर का नाम दिया गया है.

एजेके के कथित प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत कोशिशों के बाद एजेके विधानसभा की स्थापना की गई है और इसे पाकिस्तान का प्रांत बनाने की किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के लिए प्यार और स्नेह हमारे खून में है, लेकिन एजेके सरकार से ऊपर कोई भी विभाग उन्हें स्वीकार्य नहीं होगा और केवल वे ही कश्मीर का भविष्य तय करेंगे.

हैदर ने कहा, “हम अपनी जान कुर्बान कर देंगे, लेकिन एजेके को पाकिस्तान का प्रांत नहीं बनने देंगे.”

उन्होंने कहा, “हम ऐसी बातें नहीं कहना चाहते, जिससे पाकिस्तान के हित प्रभावित हों और इसलिए हम चुप हैं.”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कश्मीर मामलों के संघीय मंत्री ने एजेके के लिए 5 अरब रुपये की पेशकश के साथ उनसे संपर्क किया था. इस पर उन्होंने कहा कि किसी सरकार या किसी अधिकारी द्वारा उनसे संबंधित किसी परियोजना पर कोई रोक या संतुलन नहीं होना चाहिए और न ही किसी को परियोजनाओं का दौरा करने की अनुमति दी जाएगी.

हैदर ने यह भी आरोप लगाया कि आज वे कहते हैं कि भारत बहुत मजबूत है, इसलिए कश्मीर को भूल जाओ और हमें कुछ और देखने दो.

उन्होंने कहा, “हम कश्मीर को कैसे भूलेंगे और आखिर क्यों भूलेंगे? हम न तो भूलेंगे और न ही किसी को भूलने देंगे.”

उन्होंने पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पीटीआई सरकार को भी लताड़ा और कहा कि अगर पीटीआई ने एजेके में सत्ता छीन ली, तो इमरान खान और नरेंद्र मोदी के बीच क्या अंतर रह जाएगा.

उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान की स्थिति एक जैसी नहीं है और इसे एक जैसा नहीं माना जाना चाहिए.

हैदर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की भी आलोचना की, क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि ओआईसी की बैठक के बाद उनके पास कश्मीर का समाधान है.

हैदर ने कहा, वह कश्मीरियों को शामिल किए बिना अकेले ही कश्मीरियों के भाग्य का फैसला कैसे कर सकते हैं? कश्मीरी किसी भी हुक्म को स्वीकार नहीं करेंगे और कश्मीर के भाग्य का फैसला संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार कश्मीर के लोगों की इच्छा से ही किया जा सकता है.