पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की आज पुण्यतिथि, सभी कर रहें नमन

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 11-01-2023
पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की आज पुण्यतिथि, सभी कर रहें नमन
पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की आज पुण्यतिथि, सभी कर रहें नमन

 

देश के किसानों और जवानों का मनोबल बढ़ाने वाले भारतीय राजनेता लाल बहादुर शास्त्री की आज 57वीं बरसी यानी पुण्यतिथि है. पुण्यतिथि पर नेताओं ने इस अंदाज में शास्‍त्री जी को याद किया  :
 
'जय जवान, जय किसान' के प्रणेता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि के अवसर पर देश के कई नेताओं ने ट्वीट कर उन्‍हें याद किया और श्रद्धांजलि दी एवं शत्-शत् नमन किया.
 
 
 
देश के लिए लाल बहादुर शास्त्री द्वारा किए गए अहम कार्य -

भारत के प्रथम आर्थिक सुधारक थे.
 
परमाणु बम परियोजना शुरू की.
 
हरित व श्वेत क्रांति की शुरुआत की.
 
दूध के व्यापार ने उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाया.
 
भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश का नेतृत्व किया.
 
सैनिकों और किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए ‘जय जवान’ ‘जय किसान’ का नारा दिया.
 
देश में खाद्यान्न के संकट को हल करना बताया.
 
जय जवान, जय किसान का नारा देकर देशवासियों को एक बड़ा हौसला देने का काम किया.
 
 
कुछ तरह है शास्त्री जी की कहानी :
लाल बहादुर शास्‍त्री एक वे नेता थे, जिन्‍हें सरनेम को लेकर इतनी चीड़ रही कि, उन्‍होंने अपनी 12 साल की उम्र में ही अपने नाम के आगे से अपना सरनेम हटा दिया, उनका सरनेम श्रीवास्तव था. उनके द्वारा सरनेम हटाने के पीछे का कारण यह है कि, वे पूरी तरह से जाति के खिलाफ थे और जाति व्यवस्था में उनकी कोई आस्था नहीं थी.
 
अब थोड़ी कहानी उनकी मृत्‍यू को लेकर, 11 जनवरी, 1966 को दुनिया को अलविदा कहने वाले लाल बहादुर शास्‍त्री जी की रहस्यमयी हालात में मौत हुई है. 1965 में जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, तब वे पाकिस्तान के साथ की जंग को खत्म करने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने ताशकंद गए थे, यहां 10 जनवरी, 1966 में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर करार के महज 12 घंटे बाद तड़के 1.32 बजे रहस्यमयी परिस्थितयों में उनकी अचानक मौत हो गई, उस वक्‍त उनकी उम्र 61 साल की थी.
 
इस दौरान शास्त्री जी ने अपना हाथ दिल के पास रखा और फिर अचेत हो गए। निजी डॉक्टर आर एन चुग ने पल्स चेक किया और उनके निधन की पुष्टि की. 11 जनवरी, 1966 को दिल का दौरे के कारण पूरे देश में उनका निधन की दुखद खबर सामने आई थी.