पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किशोर ने कहा, “बीजेपी बिहार में सबसे ज्यादा डरी हुई है। चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही उन्होंने यह माहौल बनाने की कोशिश की है कि अगर जनता उन्हें वोट नहीं देगी तो ‘लालू का जंगलराज’ लौट आएगा। पिछले चार-पांच दिनों में हमारे तीन उम्मीदवारों को जबरन नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया।”
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी कीमत पर बीजेपी और एनडीए को परास्त करने के लिए चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा, “हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक बिहार से एनडीए की जड़ें उखाड़ नहीं फेंकते। ये लोग जितने उम्मीदवार खरीदना चाहें, जितने को धमकाना चाहें, लेकिन जन सुराज मैदान नहीं छोड़ेगा। सच 14 नवंबर को नतीजों के साथ सामने आएगा।”
किशोर ने आगे कहा कि बीजेपी को भ्रष्ट नेताओं से नहीं बल्कि “अच्छे लोगों” से डर है। उन्होंने कहा, “वे महागठबंधन के उम्मीदवारों से नहीं डरते, बल्कि जन सुराज के ईमानदार प्रत्याशियों से घबराए हुए हैं। हमारे उम्मीदवारों और उनके परिवारों पर दबाव डालकर उन्हें नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर स्वयं बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी जन सुराज ने राज्य की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। बिहार में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।