These terrorist activities are not just a proxy war: PM Modi exposes hypocrisy of Pakistan following Operation Sindoor
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए और उनके दोहरे रवैये को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मारे गए आतंकवादियों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडा लपेटा गया और उन्हें पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने सलामी दी. प्रधानमंत्री मोदी ने आगे जोर देकर कहा कि आतंकवादी अब छद्म युद्ध नहीं हैं. हम इसे छद्म युद्ध नहीं कह सकते, क्योंकि 6 मई के बाद मारे गए लोगों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया. उनके ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडे लपेटे गए और उनकी सेना ने उन्हें सलामी दी.
इससे साबित होता है कि ये आतंकवादी गतिविधियाँ केवल छद्म युद्ध नहीं हैं - यह उनकी ओर से एक जानबूझकर युद्ध की रणनीति है. यदि वे युद्ध में शामिल हैं, तो जवाब उसी के अनुसार होगा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा. 1947 में भारत के विभाजन के समय को याद करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों की मदद से कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया. उन्होंने कहा कि अगर उस दिन उन आतंकवादियों को मार दिया गया होता और सरदार पटेल की सलाह मान ली गई होती तो भारत में आतंकी गतिविधियों का सिलसिला बंद हो गया होता, जो पिछले 75 सालों से चल रहा है. 1947 में भारत माता के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए.
जंजीरें काटनी चाहिए थीं, लेकिन भुजाएं काट दी गईं. देश तीन टुकड़ों में बंट गया और उसी रात कश्मीर की धरती पर पहला आतंकी हमला हुआ. पाकिस्तान ने मुजाहिद्दीन के नाम पर आतंकियों की मदद से भारत माता के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया. अगर उस दिन मुजाहिद्दीन मार दिए गए होते और सरदार पटेल की सलाह मान ली गई होती तो पिछले 75 सालों से चल रहा यह सिलसिला (आतंकवादी घटनाओं का) न दिखता. शरीर कितना भी मजबूत या स्वस्थ क्यों न हो, एक कांटा भी लगातार दर्द देता है - और हमने तय किया है कि कांटा निकालना ही होगा.
प्रधानमंत्री ने आगे पाकिस्तान की क्षमता को उजागर करते हुए कहा कि वह युद्ध में भारत को नहीं हरा सकता, इसलिए उसने छद्म युद्ध शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी भारत पर लगातार हमले करते रहे और देश के नागरिक हर हमले को बर्दाश्त करते रहे. पीएम मोदी ने कहा, "जब पाकिस्तान के साथ युद्ध की जरूरत पड़ी तो भारत की सैन्य शक्ति ने तीनों बार पाकिस्तान को हराया. पाकिस्तान को समझ में आ गया कि वह भारत को युद्ध में नहीं हरा सकता. उसने भारत के खिलाफ छद्म युद्ध शुरू कर दिया. उन्हें जहां भी मौका मिला, वे हमला करते रहे और हम इसे बर्दाश्त करते रहे."