अलम के जुलूस में लहराया तिरंगा, मुस्लिम बोले- हमें हुसैन प्यारे और मुल्क भी

Story by  फैजान खान | Published by  [email protected] | Date 09-08-2022
आगरा में अलम के जुलूस में लहराया तिरंगा, मुस्लिम बोले- हमें हुसैन प्यारे और मुल्क भी
आगरा में अलम के जुलूस में लहराया तिरंगा, मुस्लिम बोले- हमें हुसैन प्यारे और मुल्क भी

 

फैजान खान/ आगरा
 
देशभर के मुस्लिम इंसानियत की खातिर अपने 72 साथियों के साथ कुर्बान होने वाले हजरत इमाम-ए-हुैसन की याद में मुहर्रम मना रहे हैं. दूसरी तरफ मुल्क के आजाद होने का अमृत महोत्सव भी शुरू हो गया है.

ऐसे में सभी जगहों पर मुल्क को आजाद कराने के लिए शहादत का जाम पीने वालों को याद किया जा रहा है. यहां तक मुहर्रम में भी कई जगह यह नजारा देखा गया. आगरा के सेव बाजार में भी मुर्हरम के अलम जुलूस में तिरंगा लहराया गया.
 
अलम के कदीमी यानी परंपरागत जुलूस में लोगों के साथ में हरे रंग के इस्लामी झंडे तो थे ही हिंदुस्तान की आन-बान और शान कहे जाने वाला तिरंगा भी. इस बारे में पूछाने पर आयोजकों ने कहा-हमें हुसैन भी प्यारे और मुल्क भी.
 
इंसानियत और इस्लाम के लिए हजरत इमाम हुसैन ने तो भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता सैनानियों ने कुर्बानियां दी हैं. इनमें से किसी को भी नहीं भूला जा सकता.खानकाह के नायब सज्जादानशीं सैयद फैज अली शाह ने कहा कि अब हम आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर गए हैं तो लाजिमी है कि उन शहीदों को जरूर याद करें, जिनकी वजह से हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं.
 
आजाद घूम रहे हैं. मुल्क को फिरंगियों से आजाद कराने के लिए हमारे अनगिनत बलिदानियों ने शहादत का जाम पिया है. हम उन्हें कैसे भूल सकते हैं. मुहर्रम का मौका भी शहादत को याद करने का है.
 
ये हमारे लिए बड़े फख्र की बात है कि मुल्क आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. मौका मुहर्रम के बिल्कुल नजदीक है तो सभी ने नवासा-ए-नबी हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने के साथ मुल्क को आजाद कराने वालों को भी याद किया. 
 
मुहर्रम की नौ तारीख यानी सोमवार को अलम मुबारक का गम-ए-हुसैन जुलूस खानकहा आलिया कादरिया नियाजिया मेवा कटरा सेव का बाजार से बाद नमाज असर बरादम किया गया. इस दौरान खिराजे अकीदत पेश किया गया.
 
जुलूस के दौरान अखाड़ों के कलाकारों ने करतब दिखाए. जुलूस मेवा कटरा शहर कॉन्प्लेक्स से फव्वारा हॉस्पिटल रोड, गुड़ की मंडी,  फुलट्टी बाजार, चिड़ीमार टोला, पाए चैकी से होता हुआ कटरा द्वकेयान फूलों बाले ताजिया पर हाजिरी देकर खानकाह वापस हुआ.
 
जुलूस का जगह-जगह इस्ताकबाल किया गया. इस दौरान युवाओं की हाथों में इस्लामी झंडे के अलावा तिरंगा भी नजर आया. युवाओं ने कहा कि हमें अपने वतन से मुहब्बत है और मौका आजादी के अमृत महोत्सव का है तो जुलूस में तिरंगे को भी शामिल किया गया है. 
 
भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष समी आगाई ने कहा कि आगरा में ऐसा पहली बार हुआ है कि मुहर्रम के जुलूस में तिरंगे को शामिल किया गया. ये अच्छी बात है कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. हमारे देश के लाखों लोगों ने मुल्क को आजाद कराने के लिए कुर्बानी दी है. उन्हें हर हिंदुस्तानी को याद करना चाहिए.