The first section of the Mumbai-Ahmedabad bullet train will be operational in 2027: Railway Minister Vaishnav
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना भारत की अर्थव्यवस्था के लिए उसी तरह से ‘‘लाभकारी’’ साबित होगी, जैसा छह दशक से भी अधिक समय पहले जापान में पहली बार ‘हाई स्पीड’ ट्रेन सेवा शुरू होने पर हुआ था.
बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए शिलफाटा और घनसोली के बीच 4.88 किलोमीटर लंबी सुरंग की खुदाई का कार्य शनिवार सुबह पूरा होने के बाद वैष्णव ने संवाददाताओं से यह बात कही.
रेल मंत्री ने इसे ‘‘ऐतिहासिक उपलब्धि’’ बताते हुए कहा कि सूरत-बिलिमोरा खंड पर ‘हाई-स्पीड कॉरिडोर’ का पहला चरण दिसंबर 2027 में शुरू हो जाएगा.
सुरंग के घनसोली ‘शाफ्ट’ पर उन्होंने कहा, ‘‘टोक्यो, नागोया और ओसाका जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली दुनिया की पहली बुलेट ट्रेन ने जापान की पूरी अर्थव्यवस्था को कई गुना बढ़ा दिया। इसी तरह, यह परियोजना आणंद, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, वापी और मुंबई को एक एकल आर्थिक गलियारे में एकीकृत करेगी.
वैष्णव ने कहा कि इससे एकीकृत बाज़ारों का निर्माण होगा और पूरे मार्ग पर आर्थिक विकास में तेजी आएगी, साथ ही ज्ञान हस्तांतरण और आर्थिक एकीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘उच्च उत्पादकता और व्यावसायिक विस्तार के माध्यम से आर्थिक लाभ शुरुआती निवेश से कहीं अधिक होगा.’’
सुरंग की खुदाई घनसोली और शिलफाटा, दोनों छोर से एक साथ की गई तथा खुदाई दल पानी के नीचे चुनौतीपूर्ण स्थिति में एक-दूसरे की ओर बढ़े थे.
मंत्री ने कहा, ‘‘यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह परियोजना अत्याधुनिक इंजीनियरिंग नवाचारों को प्रदर्शित करती है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। दो बुलेट ट्रेनों को समायोजित करने के लिए एकल सुरंग तकनीक का उपयोग और पुल निर्माण में 40 मीटर लंबा गाडर लगाना महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धियां हैं.
उन्होंने कहा कि परियोजना में जापानी साझेदारों ने इस तकनीकी नवाचार की दक्षता और डिजाइन उत्कृष्टता की प्रशंसा की है, और कहा कि भारत ने इस संबंध में पर्याप्त जानकारी हासिल कर ली है.