नई दिल्ली, 16 दिसंबर (PTI) – सरकार ने मंगलवार को संसद को जानकारी दी कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs), असम राइफल्स और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के कर्मियों के बीच पिछले तीन वर्षों में कुल 438 आत्महत्याओं और सात भ्रातहत्या के मामले सामने आए।
लोकसभा में लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि आत्महत्या के मामलों में कमी आई है—2023 में 157 मामले थे, जो 2025 में घटकर 133 रह गए। वहीं, भ्रातहत्या के दो मामले 2023 में, एक मामला 2024 में और चार मामले 2025 में दर्ज किए गए।
बलवार डेटा के अनुसार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में सबसे अधिक 159 आत्महत्याएं हुईं, इसके बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) में 120 और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में 60 मामले दर्ज किए गए।
त्यागपत्रों के बारे में मंत्री ने बताया कि 2014 से 2025 तक CAPFs और असम राइफल्स के कुल 23,360 कर्मियों ने सेवा से इस्तीफा दिया। इस अवधि में BSF में 7,493, CRPF में 7,456 और CISF में 4,137 त्यागपत्र दर्ज हुए।
2025 में अब तक 3,077 त्यागपत्र दिए गए हैं, जिसमें सबसे अधिक BSF के 1,157 कर्मियों ने इस्तीफा दिया।
सेवा की परिस्थितियों पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि CAPF कर्मी आमतौर पर आठ घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं, हालांकि "संचालन की आवश्यकताओं" के अनुसार ड्यूटी घंटे बदल सकते हैं। बटालियन संरचनाओं में विश्राम, अवकाश और प्रशिक्षण की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
मंत्री ने बताया कि फील्ड में तैनात कर्मियों को प्रति वर्ष कुल 75 दिन का अवकाश प्रदान किया गया है, जिसमें 60 दिन अर्जित अवकाश और 15 दिन आकस्मिक अवकाश शामिल हैं, और सरकार यह सुनिश्चित करने के प्रयास कर रही है कि कर्मी अपने योग्य अवकाश का अधिकतम लाभ उठा सकें।
नित्यानंद राय ने कहा कि कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता CAPF, संयुक्त और यूनिट अस्पतालों के माध्यम से दी जा रही है, साथ ही विशेषज्ञ मनोचिकित्सक सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, बल नियमित रूप से जागरूकता कार्यक्रम, तनाव प्रबंधन कार्यशालाएं, योग और ध्यान सत्र आयोजित करता है ताकि मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जा सके।