मिल-बैठकर ज्ञानवापी का हल निकाला जाएः सज्जाद नोमानी

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 17-02-2024
  Sajjad Nomani
Sajjad Nomani

 

खंडवा. मुस्लिम समाज द्वारा ईदगाह मैदान पर देर शाम आयोजित एक विशाल जनसभा में मुख्य वक्ता के रूप में खंडवा पहुंचे इस्लामिक स्कॉलर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना सज्जाद नोमानी को सुनने के लिए भारी भीड़ जमा हुई. अपने भाषण के दौरान मौलाना नोमानी ने देश की तरक्की और मौजूदा हालात में आम नागरिक की जिम्मेदारियों के बारे में चर्चा की.

अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, सज्जाद नोमानी नेदेश में चल रही विभिन्न गतिविधियों को लेकर मीडिया से खुलकर बात की. ध्यान रहे कि शहर के कुछ संगठन मौलाना के प्रोग्राम को लेकर नाराज भी थे और एक दिन पूर्व ही इस संबंध में एक ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया था.

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर मुद्दे पर बैठकर बात की जा सकती है. हमारी सांस्कृतिक विरासत ऐसी नहीं रही है कि मंदिर वाले मस्जिद वालों से बात न करें, या मस्जिद वाले मंदिर वालों से बात ना करें. उन्होंने कहा कि देश में इस समय नफरत का प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है, जिसमें दोनों ही तरफ के लोग फंस रहे हैं.

राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि देश के किसानों का सरकार के खिलाफ सड़क पर आना अच्छी बात नहीं है. सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए. गोदी मीडिया सिर्फ प्रोपेगंडा फैला रहा है. ज्ञानवापी मस्जिद पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हर मसले पर बातचीत की जा सकती है.

उन्होंने पिछले दिनों दिए अपने बयान पर बात करते हुए कहा कि साल 2024 में संविधान बदलने की बात वे अकेले ही नहीं कह रहे, बल्कि यदि भाजपा सरकार फिर से सत्ता में आती है तो संविधान बदल दिया जाएगा यह बात तो देश के हजारों पढ़े-लिखे विद्वान कह रहे हैं.

मौलाना नोमानी ने कहा कि मदरसों में संस्कृत के साथ ही इंग्लिश, इतिहास, समाज शास्त्र, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयालोजी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र और जियोग्राफी जैसे विषय भी पढ़ाए जाना चाहिए.

 

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