संभल जामा मस्जिद में कोई भी रंग किया जाए, कोई फर्क नहीं पड़ता: मस्जिद कमेटी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 21-03-2025
Sambhal Jama Masjid's painting doesn't matter what colour is used: Masjid Committee
Sambhal Jama Masjid's painting doesn't matter what colour is used: Masjid Committee

 

संभल. शाही जामा मस्जिद की पुताई को लेकर चल रहे विवाद को जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट ने समाप्त कर दिया है. उनका कहना है कि यह काम हाईकोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है. अदालत के आदेश के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पेंटिंग का काम पूरा करना है और यह उन पर निर्भर है कि वे हरे और सुनहरे रंगों का उपयोग करें या नहीं.

राष्ट्रपति का कहना है कि हमने इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार एएसआई पर छोड़ दिया है. इसलिए रंग के चयन पर कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए. हमें इस बात पर भी कोई आपत्ति नहीं है कि मस्जिद को पूरी तरह सफेद रंग से रंग दिया जाए. गुरुवार को जामा मस्जिद के मुख्य प्रवेश द्वार की रंगाई की गई.

अब तक की गई पेंटिंग में केवल सफेद रंग का इस्तेमाल किया गया है. मस्जिद के पिछले हिस्से को भी केवल सफेद रंग से रंगा गया है और किसी अन्य रंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है. समिति के अध्यक्ष ने कहा कि जब हमने एएसआई से अनुमति मांगी, तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद हम हाईकोर्ट गए. यह कार्य हाईकोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है और साथ ही मस्जिद का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है. राष्ट्रपति का कहना है कि हमने एएसआई अधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पेंटिंग पूरी करने को कहा है.

पेंटिंग का काम पूरा होने में दो दिन लग सकते हैं. जामिया मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि हर साल रमजान के दौरान मस्जिद की सफाई और रंगाई-पुताई की जाती है, जिसके बाद जीर्णोद्धार का काम किया जाता है. इस बार भी यही प्रक्रिया दोहराई जा रही है. रंग-रोगन का काम चल रहा है और सजावट की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि इस बार मस्जिद को झालरों (पारंपरिक लाइटों) से नहीं सजाया जाएगा, बल्कि रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जा रही हैं. यह सजावट ईद तक रहेगी, उसके बाद इसे हटा दी जाएगी.

मस्जिद को सजाने के लिए लाइटें लगाने का काम भी शुरू हो गया है. जब उच्च न्यायालय ने एएसआई को जामा मस्जिद की पेंटिंग करने का आदेश दिया, तो हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और मुख्यमंत्री, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मांग की गई है कि मस्जिद को हरे रंग से नहीं रंगा जाना चाहिए और अगर हरा रंग किया जाता है, तो उसे भगवा रंग से भी रंगा जाना चाहिए. इसके अलावा संगठनों ने यह भी मांग की कि मस्जिद को न तो हरा और न ही भगवा रंग से रंगा जाए, बल्कि केवल सफेद रंग से रंगा जाए.