आर.जी. कर त्रासदी: पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने संदीप घोष के करीबी 3 डॉक्टरों को निलंबित किया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 07-09-2024
RG Kar tragedy: West Bengal Medical Council suspends 3 doctors close to Sandip Ghosh
RG Kar tragedy: West Bengal Medical Council suspends 3 doctors close to Sandip Ghosh

 

कोलकाता
 
पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (डब्ल्यूबीएमसी) ने शनिवार को तीन डॉक्टरों को निलंबित करने की घोषणा की, जो आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व और विवादास्पद प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी माने जाते हैं.
 
इन तीन डॉक्टरों में बर्दवान मेडिकल कॉलेज के रेडियोडायग्नोसिस विभाग के तत्कालीन रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) अविक डे, उसी अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग से जुड़े पूर्व वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर बिरुपाक्ष बिस्वास और मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर डॉक्टर मुस्तफिजुर रहमान मलिक शामिल हैं.
 
इन तीनों के खिलाफ एक ही आरोप है कि ये घोष और सत्ताधारी दल के नेताओं से अपनी निकटता का फायदा उठाकर अपने-अपने कार्यस्थलों पर जूनियर डॉक्टरों को धमकाते और परेशान करते हैं.
 
5 सितंबर को पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने डे और बिस्वास दोनों को राज्य की चिकित्सा सेवाओं से निलंबित करने की घोषणा की. निलंबन के अलावा डे के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है.
 
दूसरी ओर, बिस्वास के निलंबन का आदेश पूर्वी बर्दवान जिले के बर्दवान मेडिकल कॉलेज से दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप उप-विभागीय अस्पताल में स्थानांतरित होने के ठीक एक दिन बाद जारी किया गया.
 
आर.जी. कर के एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना सामने आने के बाद से, कई जूनियर डॉक्टरों ने घोष के विश्वासपात्र डे और बिस्वास पर “धमकी संस्कृति” शुरू करने का आरोप लगाया है, जहां जूनियर डॉक्टरों और इंटर्न को उनके निर्देशानुसार कार्य करने के लिए धमकाया जाता था.
 
हाल ही में, उसी अस्पताल में “धमकी संस्कृति” चलाने के आरोप में मल्लिक के खिलाफ मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
 
चिकित्सा बिरादरी के कुछ सदस्यों ने दावा किया है कि परिषद को तीन डॉक्टरों के खिलाफ कदम उठाने चाहिए थे और कम से कम उन्हें पहले ही आगाह कर देना चाहिए था, क्योंकि उनके खिलाफ जूनियर डॉक्टरों को धमकाने और परेशान करने की शिकायतें कोई नई बात नहीं हैं.
 
शनिवार को परिषद ने संदीप घोष को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया, जो आर.जी. कार में वित्तीय अनियमितताओं से कथित तौर पर जुड़े होने के कारण फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं.
 
अगर वह अगले तीन दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने में विफल रहते हैं तो उनका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.