मास्को. रूसी राष्ट्रपति ने मॉस्को स्थित थिंक टैंक ‘वाल्डाई डिस्कशन क्लब’ को अपने वार्षिक संबोधन में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना करते हुए कहा कि इसके तहत बहुत कुछ किया गया है. पुतिन के बयान के रॉयटर्स अनुवाद के अनुसार, भारत में मोदी के नेतृत्व के रूप में उन्होंने उन्हें ‘देशभक्त’ कहा.
रायटर्स के अनुसार, वल्दाई डिस्कशन क्लब में क्रेमलिन ने कहा, ‘‘पीएम मोदी के नेतृत्व में बहुत कुछ किया गया है. वह अपने देश के देशभक्त हैं. ‘मेक इन इंडिया’ का उनका विचार आर्थिक और नैतिकता दोनों में मायने रखता है. भविष्य भारत का है, इस पर गर्व किया जा सकता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है.’’
भारत के विकास को ब्रिटिश उपनिवेश से आधुनिक राज्य बनने तक के विकास को एक जबरदस्त घटनाक्रम बताते हुए, रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग 1.5 बिलियन लोग और निश्चित विकास परिणाम भारत के लिए सभी के सम्मान और प्रशंसा का कारण देते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने ब्रिटिश उपनिवेश से आधुनिक राज्य बनने के अपने विकास में जबरदस्त प्रगति की है. लगभग 1.5 बिलियन लोग और ठोस विकास परिणाम भारत के लिए सभी के सम्मान और प्रशंसा का कारण हैं.’’
पुतिन ने कहा, ‘‘यह कई दशकों के करीबी सहयोगी संबंधों द्वारा रेखांकित किया गया है. हमारे पास कभी भी कोई मुश्किल मुद्दा नहीं था और एक-दूसरे का समर्थन किया और यह अभी हो रहा है. मुझे यकीन है कि यह भविष्य में भी होगा.’’ उन्होंने इसे एक विशेष संबंध बताते हुए भारत और रूस के बीच संबंधों पर और जोर दिया.
पुतिन ने यह भी रेखांकित किया कि पीएम मोदी ने उन्हें उर्वरकों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कहा है जो भारतीय कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. रॉयटर्स के अनुसार, पुतिन ने कहा, ‘‘हमने वॉल्यूम में 7.6 गुना वृद्धि की है. कृषि में व्यापार लगभग दोगुना हो गया है.’’
क्रेमलिन-संबद्ध संस्थान को पुतिन का संबोधन ऐसे समय में आया है, जब रूस ने 24 फरवरी को अपना आक्रमण शुरू करने के आठ महीने से अधिक समय तक यूक्रेन में युद्ध को जारी रखा हुआ है. इस बीच, उन्होंने अपने हाई-प्रोफाइल संबोधन में वैश्विक प्रभुत्व के लिए ‘गंदा खेल’ खेलने के लिए पश्चिम को भी नारा दिया और कहा कि वह आश्वस्त है कि जल्द या बाद में ‘‘बहुध्रुवीय दुनिया में सत्ता के नए केंद्र उभरेंगे और पश्चिम को बात करना शुरू करना होगा. जैसा कि हमारे साझा भविष्य के बारे में समान है.’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी अपने स्वयं के कार्यों के परिणामों से सुरक्षित नहीं हैं. सत्र के दौरान पुतिन ने कहा कि पश्चिम इससे पैदा हुए संकटों से बाहर नहीं निकल सकता. रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘केवल समान लक्ष्यों से एकजुट दुनिया ही चुनौतियों का सामना कर सकती है.’’ ‘‘दुनिया भर में सत्ता वही है जो पश्चिम ने अपने खेल में दांव पर लगाई है. यह खेल निश्चित रूप से खतरनाक है, खूनी है और मैं इसे गंदा कहूंगा.’’
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पश्चिमी राष्ट्र, जो अपने मूल्यों और दृष्टि को सार्वभौमिक के रूप में लागू करना चाहते हैं, स्वयं सहित सभी को लूट रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘सबसे पहले, यह पश्चिम की रचनात्मक क्षमता को ही मिटा देता है.’’