एनआईए कोर्ट टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक पर आरोप तय करेगी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-04-2022
यासीन मलिक
यासीन मलिक

 

नई दिल्ली. एनआईए की एक विशेष अदालत ने सोमवार को कहा कि वह 18अप्रैल को कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक और अन्य के खिलाफ एक आतंकी फंडिंग मामले में औपचारिक आरोप तय करेगी.

अदालत ने 19 मार्च को सुनवाई की आखिरी तारीख को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में आरोप तय करने का आदेश दिया था. 

यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट, उर्फ पीर सैफुल्ला और कई अन्य सहित कश्मीरी अलगाववादी नेता हैं. उन पर आपराधिक साजिश, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों का आरोप लगाया गया है.

16मार्च के आदेश में, एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा था, ‘‘उपरोक्त विश्लेषण से पता चलता है कि गवाहों के बयान और दस्तावेजी सबूतों ने लगभग सभी आरोपियों को एक दूसरे के साथ और अलगाव के एक सामान्य उद्देश्य से जोड़ा हुआ है. इसका मतलब है कि वे पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के मार्गदर्शन और वित्त पोषण के तहत आतंकवादी / आतंकवादी संगठनों के साथ अपने घनिष्ठ संबंध का उपयोग कर रहे थे.’’

अदालत ने मामले में तीन लोगों कामरान यूसुफ, जावेद अहमद भट्ट और सैयद आसिया फिरदौस अंद्राबी को आरोपमुक्त कर दिया है.

इस्लामिक स्टेट द्वारा समर्थित विभिन्न आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) से संबंधित मामले आतंकवादी और अलगाववादी थे.