आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
यहां की एक अदालत ने केनरा बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ऋण धोखाधड़ी मामले में हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, जिसमें करीब 55 करोड़ रुपये शामिल हैं. करोड़ों डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) "धोखाधड़ी" के मुख्य आरोपी चोकसी को भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद 12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था.
उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट हाल ही में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड कोर्ट) आर बी ठाकुर ने जारी किया था. वारंट पर रिपोर्ट के लिए मामले को 2 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कंसोर्टियम समझौते के तहत बेजेल ज्वैलरी को कार्यशील पूंजी सुविधाओं के रूप में क्रमशः 30 करोड़ रुपये और 25 करोड़ रुपये मंजूर किए थे.
सीबीआई के अनुसार, यह ऋण सोने और हीरे जड़ित आभूषणों के निर्माण और बिक्री के लिए दिया गया था, लेकिन कंपनी ने कथित तौर पर इसका इस्तेमाल इच्छित उद्देश्यों के लिए नहीं किया. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने ऋण नहीं चुकाया, जिससे कंसोर्टियम को 55.27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी "धोखाधड़ी" में मुख्य आरोपी हैं. चोकसी बेल्जियम की एक अदालत में जमानत के लिए लड़ रहा है, जबकि नीरव मोदी 2019 से लंदन की जेल में है.