भोपाल. मध्य प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों में पारदर्शिता और नवाचार का दौर जारी है, इसी क्रम में अब मजदूरों की हाजिरी मोबाइल एप के जरिए दर्ज की जाने लगी है. इसके साथ ही कार्यस्थल की तस्वीर भी मोबाइल एप पर दर्ज होने लगी है.
बताया गया है कि महात्मा गांधी नरेगा के कार्य स्थल पर मोबाईल एप के माध्यम से दिन में दो बार मजदूरों की हाजिरी ली जा रही है. हाजिरी के साथ ही कार्यस्थल की फोटो भी मोबाईल एप में दर्ज की जा रही है. हाजिरी लेने का काम मुख्य रूप से मेट को सौंपा गया है.
एप के उपयोग में प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे स्थान पर है. मनरेगा की आयुक्त सुफिया फारूकी वली ने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एनएमएमएस मोबाईल एप विकसित किया है, जिसके माध्यम से दिन में दो बार हाजिरी दर्ज होती है.
पहली बार सुबह छह बजे से 11 बजे तक तथा दूसरी बार दोपहर दो से पांच बजे के बीच मजदूरों की फोटो सहित हाजिरी मोबाईल एप में दर्ज की जा रही है. प्रदेश में 22937 मेट तथा ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा एप का उपयोग प्रारंभ कर दिया गया है.
महात्मा गांधी नरेगा के ऐसे कार्य जिन पर 20 से अधिक मजदूर कार्यरत है वहां मेट के माध्यम से मोबाइल एप से उपस्थिति लिया जाना अनिवार्य है. राज्य में मेट के रूप में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है.
महिला मेट को मोबाईल एप के उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया गया है. बताया गया है कि महात्मा गांधी नरेगा के काम कर रहे मजदूर और उनके परिवार के सदस्यों के लिए ग्राम पंचायत क्षेत्र में विशेष कोविड टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है.
ऐसे मजदूर जिन्हें कोविड का पहला अथवा दूसरा डोज नहीं लगा है उन्हें चिन्हित कर कोविड का टीका लगाया जा रहा है. कार्यस्थल पर टीका लगवाने की भी व्यवस्था की गई है. टीकाकरण को सफल बनाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर मजदूरों के टीकाकरण का कैलेंडर बनाया गया है, जिससे पहला डोज लगवा चुके मजदूरों को टीके का दूसरा डोज समय पर दिया जा सके.
मजदूर के साथ उनके परिवार के सदस्यों को भी कोविड टीका लगाया जा रहा है. ऐसे व्यक्ति जो टीकाकरण क्षेत्र तक जाने में समर्थ नहीं हैं, उन्हें ग्राम रोजगार सहायक और मेट द्वारा टीकाकरण केंद्र ले-जाकर नि:शुल्क टीके की डोज दिलाई जा रही है. वर्तमान में मनरेगा से एक करोड़ से ज्यादा ग्रामीण जुड़े हुए हैं.