ममता ने महालया से पहले दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन कर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई : शुभेंदु

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 20-09-2025
Mamata Banerjee hurt Hindu sentiments by inaugurating Durga Puja pandals before Mahalaya: Shubhendu
Mamata Banerjee hurt Hindu sentiments by inaugurating Durga Puja pandals before Mahalaya: Shubhendu

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महालय की पूर्व संध्या पर शहर में तीन दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन करने के बीच विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को बनर्जी पर हिंदू भावनाओं का अनादर करने का आरोप लगाया.
 
अधिकारी के आरोप का खंडन करते हुए, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि बनर्जी को एक धर्मनिष्ठ हिंदू महिला और एक ब्राह्मण होने के नाते, भाजपा के शुभेंदु अधिकारी जैसे लोगों से धर्म के बारे में सीखने की जरूरत नहीं है, जिनकी पार्टी केवल ‘‘लोगों को धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर बांटना’’ चाहती है.
 
भाजपा नेता अधिकारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने खुद को विघटनकारी एजेंट से कम साबित नहीं किया है, जो जानबूझकर अपनी संकीर्ण वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए हमारे सदियों पुराने हिंदू रीति-रिवाजों और भावनाओं को नुकसान पहुंचा रही हैं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘पितृ पक्ष के आखिरी दिन, हिंदू कैलेंडर के अनुसार 15 चंद्र दिवसों का कालखंड, जो हमारे पूर्वजों के सम्मान एवं आदर के लिए समर्पित है, और जिसे आमतौर पर कुछ भी नया शुरू करने के लिए अशुभ माना जाता है, ऐसे में वह (बनर्जी) महालय से ठीक पहले दुर्गा पूजा पंडालों का बेशर्मी से उद्घाटन कर रही हैं। यह अज्ञानता नहीं, बल्कि सोची-समझी दुर्भावना है.
 
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘यह हिंदू संस्कृति और परंपराओं का अनादर है, और हमारी आस्था से इतर लोगों को खुश करने के लिए हमारे रीति-रिवाजों को कमजोर करने का एक जबरदस्त प्रयास है.
 
बाद में अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि बनर्जी ने एक पूजा पंडाल में भीड़ को संबोधित करते हुए अपना सिर दुपट्टे से ढक लिया, जिससे लाखों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं.
 
शुभेंदु अधिकारी के आरोप पर पलटवार करते हुए घोष ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी को हिंदू धर्म के मुद्दों पर अधिकारी जैसे लोगों से सबक सीखने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह खुद एक धर्मनिष्ठ हिंदू हैं जो अपने घर पर देवी काली की पूजा करती हैं, इस अवसर पर उपवास रखती हैं। हर सप्ताह संतोषी मां की पूजा करती हैं। हर श्लोक और भजन उन्हें कंठस्थ है.