आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
मुंबई में इस साल जनवरी से 15 सितंबर के बीच पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में मलेरिया, चिकनगुनिया और हेपेटाइटिस के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है. बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
बीएमसी की मानसून-रोग रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों से पता चला है कि हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डेंगू, ‘लेप्टोस्पायरोसिस’ और ‘गैस्ट्रो’ के मामलों में गिरावट देखी गई.
आंकड़ों के अनुसार, शहर में जनवरी से 15 सितंबर तक मलेरिया के 6,277 मामले सामने आए, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में इनकी संख्या 5,182 थी। हेपेटाइटिस के 913 मामले सामने आए, जबकि 2024 में इनकी संख्या 791 थी। चिकनगुनिया के 542 मामले सामने आए, जबकि पिछले वर्ष इनकी संख्या 366 थी.
इस वर्ष के पहले नौ महीने में डेंगू के कुल 2,724 मामले सामने आए, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में इनकी संख्या 3,435 थी, लेप्टोस्पायरोसिस के 558 मामले सामने आए, जबकि पिछले वर्ष इनकी संख्या 628 थी, तथा ‘गैस्ट्रो’ के 5,989 मामले सामने आए, जबकि 2024 में इनकी संख्या 6,599 थी.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "जनवरी से सितंबर 2025 के बीच मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि हुई है. हालांकि, अगस्त से सितंबर के बीच संख्या में कमी आई है, जो 2024 में देखी गई प्रवृत्ति के समान है। जलजनित रोगों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई.
बीएमसी ने कहा कि गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने शहर के सभी वार्ड में कई सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए.
बयान में कहा गया है कि मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए बीएमसी के सभी अस्पतालों और प्रसूति गृहों में संबंधित कर्मचारियों ने सफाई अभियान चलाया.