Kailash Mansarovar Yatra via Sikkim route concludes with return of 48 pilgrims: Official
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
सिक्किम में नाथू ला दर्रे के रास्ते 48 तीर्थयात्रियों के दसवें जत्थे की वापसी के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा संपन्न हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
सिक्किम पर्यटन विकास निगम (एसटीडीसी) के अधिकारियों ने 48 तीर्थयात्रियों की रविवार को वापसी पर, उनका स्वागत किया और कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के सफल समापन पर एक समारोह का आयोजन किया गया.
एसटीडीसी के अध्यक्ष लुकेन्द्र रसैली ने कहा कि अधिकारियों के समर्पित कार्य के कारण ही करीब 500 तीर्थयात्रियों यात्रा सुगम हो सकी.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अर्धसैनिक बलों और अन्य एजेंसियों के सहयोग से तीर्थयात्रियों के लिए विभिन्न प्रबंध किये और यह सुनिश्चित किया कि यात्रा निर्बाध रूप से संपन्न हो सके.
हिंदू आस्था के अनुसार, कैलाश पर्वत को ‘भगवान शिव का निवास’ माना जाता है इसलिए ‘कैलाश मानसरोवर यात्रा’ (केएमवाई) धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों रूप से महत्वपूर्ण है। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग इस तीर्थयात्रा पर जाते हैं.
इस यात्रा में 19,500 फुट तक की ऊंचाई पर दुर्गम परिस्थितियों में चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसमें खराब मौसम और ऊबड़-खाबड़ इलाका शामिल है और यह उन लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है जो शारीरिक और चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ नहीं हैं.