भारत का पाकिस्तान पर करारा प्रहार, उसे बताया ‘आतंकवाद का वैश्विक केंद्र’

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-12-2025
India launches a strong attack on Pakistan, calling it the 'global hub of terrorism'.
India launches a strong attack on Pakistan, calling it the 'global hub of terrorism'.

 

न्यूयॉर्क (संयुक्त राष्ट्र)

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए उसे “आतंकवाद का वैश्विक केंद्र” करार दिया और जम्मू-कश्मीर को लेकर इस्लामाबाद के तथाकथित “असुलझे विवाद” के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। भारत ने दो टूक कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से हैं और हमेशा रहेंगे

“शांति के लिए नेतृत्व” विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश परवथनेनी ने पाकिस्तान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों का दुरुपयोग भारत और उसके नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के अपने जुनूनी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कर रहा है।

राजदूत परवथनेनी ने कहा,“आज पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा दिए गए बयान का मैं उल्लेख करना चाहता हूं। भारत फिर दोहराता है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविच्छिन्न अंग हैं। वे पहले भी भारत का हिस्सा थे, आज भी हैं और भविष्य में भी रहेंगे। आज की बहस में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर का अनावश्यक उल्लेख इस बात का प्रमाण है कि वह भारत और उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने के अपने जुनून से बाहर नहीं निकल पा रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि एक गैर-स्थायी सुरक्षा परिषद सदस्य होने के बावजूद पाकिस्तान यदि हर मंच पर अपने विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाता है, तो उससे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों और दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन करेगा।

भारत के प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के आतंकवाद को संरक्षण देने के लंबे इतिहास की ओर इशारा करते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले का भी मजबूती से बचाव किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 65 वर्ष पहले यह संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से की थी, लेकिन पाकिस्तान ने इसके बावजूद तीन युद्ध थोपे और हजारों आतंकी हमलों को अंजाम दिया।

उन्होंने अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें धर्म के आधार पर 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का ताजा उदाहरण है।
राजदूत ने कहा,
“पिछले चार दशकों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण भारत के हजारों नागरिकों की जान गई है। ऐसे में भारत ने यह फैसला किया है कि सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखा जाएगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद और सभी प्रकार के आतंक को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं करता।”

राजदूत परवथनेनी ने पाकिस्तान की आंतरिक राजनीतिक स्थिति पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतांत्रिक जनादेश का सम्मान करने का तरीका यह है कि वहां एक पूर्व प्रधानमंत्री (इमरान खान) को जेल में डाल दिया जाता है, सत्तारूढ़ राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाया जाता है और सेना द्वारा 27वें संशोधन के जरिए संवैधानिक तख्तापलट कर अपने सेना प्रमुख को आजीवन प्रतिरक्षा दी जाती है।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा,“भारत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का उसके हर रूप और स्वरूप में पूरी ताकत से मुकाबला करेगा।”

भारत की यह तीखी प्रतिक्रिया उस समय आई जब पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को लेकर “असुलझे विवाद” का राग अलापा और सिंधु जल संधि को स्थगित करने के भारत के फैसले की आलोचना की।