भारत दुर्भावनापूर्ण आतंकवादी गतिविधि के प्रति शून्य सहिष्णुता रखता है: सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य विक्रमजीत सिंह

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 24-05-2025
India has zero tolerance against malicious terrorist activity: All-party delegation member Vikramjeet Singh
India has zero tolerance against malicious terrorist activity: All-party delegation member Vikramjeet Singh

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को उजागर करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने शनिवार को दुर्भावनापूर्ण आतंकवादी गतिविधियों के प्रति भारत की शून्य-सहिष्णुता की नीति को दोहराया, तथा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उजागर करने की आवश्यकता पर बल दिया. 
 
वैश्विक आउटरीच कार्यक्रम के लिए रवाना होने से पहले बोलते हुए साहनी ने हमले को धार्मिक रंग देने के पाकिस्तान के प्रयासों की निंदा की तथा आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के अपने अधिकार का बचाव करते हुए शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. आप सांसद ने कहा, "पहलगाम में एक भयानक और दिल दहला देने वाला आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें निर्दोष पर्यटक लोगों को सीमा पार आतंकवाद का निशाना बनाया गया. इसलिए इसे वैश्विक मंच पर उजागर करना बहुत महत्वपूर्ण है. और हमें लगता है कि यह सब सेना प्रमुख द्वारा नियंत्रित है, क्योंकि 10 दिन पहले उन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत का प्रस्ताव रखा था." उन्होंने कहा, "भारत शांति चाहता है. 
 
भारत उकसावे वाली हरकत नहीं कर रहा है. भारत आगे भी शांत रहा है. यह हमारे प्रधानमंत्री और सरकार की नीति है. लेकिन अगर यह दुर्भावनापूर्ण आतंकवादी गतिविधि बंद नहीं होती है, तो भारत इसके लिए शून्य सहिष्णुता रखता है... भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. और किसी भी तरह का परमाणु भय भारत को प्रभावित नहीं करेगा." उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता है और 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले को धार्मिक रंग देने के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा की, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 पर्यटकों की जान चली गई. 
 
"पड़ोसी देश इस हमले को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहा है. भारत समझता है कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता है. इसलिए इसे किसी भी धर्म का आवरण देना तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है; सभी अल्पसंख्यक यहां बहुत शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहते हैं... इसे धार्मिक रंग देना उनकी दुर्भावनापूर्ण मंशा है," पाकिस्तान के झूठे आख्यान की आलोचना करते हुए सनेही ने कहा. साहनी ने ऐतिहासिक साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा, "26/11 के बाद यह साबित हो गया कि कसाब कहाँ था; उसके बाद पठानकोट था, उसके बाद पहलगाम था." 
 
उन्होंने आगे बताया कि भारतीय सेना ने किसी भी नागरिक को निशाना नहीं बनाया, भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. उन्होंने भारत की सैन्य प्रतिक्रिया को स्पष्ट करते हुए कहा, "दूसरी बात यह है कि दुनिया को यह बताना है कि भारतीय सेना ने किसी भी नागरिक को निशाना नहीं बनाया और केवल भवालपुर और अन्य स्थानों पर आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया. जबकि हमारे पड़ोसी देश ने जम्मू-कश्मीर के सभी शहरों में रात में ड्रोन का संचालन किया. 
 
हमें इस तरह की कहानी को स्पष्ट करना होगा." साहनी उन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का हिस्सा हैं जो आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को पेश करेंगे, और दुनिया को आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता का भारत का मजबूत संदेश भी देंगे. साहनी के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एनसीपी (एससीपी) सांसद सुप्रिया सुले कर रही हैं और इसमें भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी, अनुराग सिंह ठाकुर, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, टीडीपी सांसद लवू श्री कृष्ण देवरायलु, कांग्रेस के आनंद शर्मा और भाजपा के मुरलीधरन शामिल हैं. उनके साथ राजदूत सैयद अकबरुद्दीन भी होंगे.