आवाज द वाॅयस /अहमदाबाद
कोरोना ने जब संपूर्ण विश्व की आर्थिक दशा बिगाड़ कर रख दी है, कुछ सिर फिरे ‘आर्थिक जिहाद’ और ‘लव जिहाद‘ के नाम पर नफरत की खेती कर देश के शांति माहौल को बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं. इसी क्रम में गुजरात के पालदी इलाके में एक स्थानीय मदरसे के दो मुस्लिम छात्रों की कुछ खास लोगों ने इतनी बुरी तरह पिटाई कि उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल मंे भर्ती कराना पड़ा. घटना के दो दिन बाद भी उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
रिपोर्टों के अनुसार, 17 वर्षीय उमर और 16 वर्षीय खिजार को एक खा वर्ग की भीड़ ने निशाना बनाया. उन्हें गालियां दी गईं और लात, घूंसे से हमला किया गया.उमर के पिता मुफ्ती अब्दुल कय्यूम ने मकतूब ने कहा, ‘‘हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने कुर्ता पजामा और टोपी पहन रखी थी.‘‘
इनकी इतनी बेरहमी से पिटाई की गई कि उमर अभी भी बेहोश है, जबकि खिजर भय के कारण किसी से बात नहीं कर रहा है.हमलावरों ने उमर का हाथ बुरी तरह मरोड़ दिया था. उसके सिर पर बार-बार चोट की गई, जबकि खिजर के दोनों हाथों में टांके लगे हैं. दोनों बच्चे अपनी स्कूटी से पालदी घर लौट रहे थे, तभी उन्हें निशाना बनाया गया.
आरोप है कि एक खास वर्ग के खिलाफ घृणा अपराध की घटना देश में बढ़ी है.खासकर हिंदी पट्टी में. अब यह सामाजिक बुराई अन्य प्रदेशों में भी फैलने लगी है. बताया कि गुजरात मामले में कुछ लोगों ने ‘आर्थिक जिहाद’ का भय फैलाकर मदरसे के दोनों बच्चों पर हमला किया.