किसानों का भारत बंद आज, कृषि मंत्री बोले आंदोलन नहीं बातचीत करें

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-09-2021
किसानों का भारत बंद आज
किसानों का भारत बंद आज

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली / ग्वालियर 
 
तीन कृषि कानून के विरोध में आज सोमवार सुबह से संयुक्त किसान मोर्चा का भारत बंद शुरू हो गया है. जगह-जगह से बंद के कारण हो रही ही समस्याओं को लेकर सुबह से ही खबरें आनी शुरू हो गई हैं. दिल्ली में गाजिपुर बाॅर्डर के पास यातायात बंद कर दिया गया है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से आंदोलन छोड़ कर बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की है.
 
किसान संघों के प्रस्तावित भारत बंद से एक दिन पहले, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि किसानों को आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत का विकल्प चुनना चाहिए.ग्वालियर के कृषि महाविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, तोमर ने कहा, ‘‘मैं किसानों से आंदोलन का रास्ता छोड़कर संवाद के रास्ते पर चलने की अपील करता हूं.
 
सरकार उनके द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर विचार करने के लिए तैयार ह. कई चर्चाएं पहले भी हो चुकी हैं. यदि कुछ बचा है, तो सरकार निश्चित रूप से बात करने के लिए तैयार है. केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि किसानों का विरोध राजनीतिक मुद्दा नहीं बनना चाहिए.
 
तोमर ने कहा, ‘‘किसान आंदोलन को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. किसान सभी के हैं. सरकार ने किसान संघ के साथ बहुत संवेदनशील तरीके से बातचीत की है. भविष्य में भी ऐसा करने के लिए तैयार है.‘‘
 
इस बीच, किसान संघों के गठबंधन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन कृषि कानूनों के अधिनियमन की पहली वर्षगांठ पर आज भारत बंद का आह्वान किया है.एसकेएम ने कहा है कि सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक देशव्यापी हड़ताल रहेगी.
 
इस अवधि के दौरान, पूरे देश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के साथ सार्वजनिक कार्यक्रम और कार्यक्रम बंद रहेंगे.हालांकि, बंद से छूट में अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य और व्यक्तिगत आपात स्थिति में शामिल लोगों सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठान और आवश्यक सेवाएं शामिल किया गया है.
 
भारत बंद को 500 से अधिक किसान संगठनों, 15 ट्रेड यूनियनों, राजनीतिक दलों, छह राज्य सरकारों और समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन मिल रहा है.तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल, पंजाब, झारखंड और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों ने भारत बंद के विरोध में अपना समर्थन दिया है.
 
अब तक, वामपंथी दल जैसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी, जनता दल जैसे कई अन्य दल (सेक्युलर), बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिअद-संयुक्त, युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, स्वराज इंडिया और अन्य ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है.
 
किसान तीन अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से विभिन्न स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.