धार (मध्य प्रदेश). उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद 22 मार्च को शुरू हुए सर्वेक्षण को जारी रखने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक टीम शुक्रवार सुबह मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला परिसर में पहुंची. हिंदुओं के लिए भोजशाला परिसर देवी वाग्देवी (सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर है, जबकि मुसलमानों के लिए, यह कमल मौला मस्जिद का स्थान है.
2003 में एक व्यवस्था के अनुसार, हिंदू प्रत्येक मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा करते हैं, जबकि मुस्लिम प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करते हैं.
आज शुक्रवार होने के कारण इलाके के मुसलमान दोपहर में परिसर में नमाज अदा की. यहां पिछले शुक्रवार को सर्वे शुरू हुआ था और उस दिन भी मुसलमानों ने परिसर में नमाज पढ़ी थी. उस दिन एएसआई की टीम ने सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक परिसर में सर्वे किया.एएसआई टीम ने सर्वेक्षण के तहत भोजशाला परिसर के अंदर खुदाई भी शुरू की.
पिछले हफ्ते की शुरुआत में, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के कार्यकर्ता आशीष गोयल, जो मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक थे, ने कहा, ‘‘वे कार्बन डेटिंग, जीपीएस तकनीक और जीपीआर तकनीक का उपयोग करके पूरे दिन कुशलतापूर्वक सर्वेक्षण कर रहे हैं. उन्होंने अदालत के निर्देशानुसार, पूरे 50 मीटर के हिस्से में अंदर और बाहर सर्वेक्षण किया.’’
भोजशाला परिसर पर हिंदू पक्ष के दावे पर जोर देते हुए गोयल ने कहा, ‘‘यह भोजशाला में मां सरस्वती का मंदिर है. सर्वेक्षण इसलिए किया जा रहा है ताकि जो लोग इसे नहीं समझते हैं उन्हें इस सर्वेक्षण के बाद यकीन हो जाए.’’
एएसआई सर्वेक्षण से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताते हुए गोयल ने कहा, --एएसआई वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण कर रहा है. हमें उम्मीद है कि हमें सकारात्मक परिणाम मिलेगा. एएसआई अदालत के निर्देशों के अनुसार काम कर रहा है.’’
इस बीच, मुस्लिम पक्ष के याचिकाकर्ता अब्दुल समद ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इस प्रक्रिया से असहमत हैं. ‘‘यह सर्वेक्षण आवश्यक नहीं था, क्योंकि इसी तरह का अभ्यास पहले आयोजित किया गया था और रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में है. हम इस नए सर्वेक्षण के खिलाफ हैं, क्योंकि पिछले सर्वेक्षण के बाद से यहां कई नई चीजें शुरू हुई हैं. स्मारक में कुछ बदलाव हुए हैं साथ ही.हम पहले ही इन बदलावों पर अपनी आशंका व्यक्त कर चुके हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘परिसर में इस तरह के बदलाव और नई गतिविधियों को देखते हुए, हमने उच्च न्यायालय का रुख किया और आग्रह किया कि यदि वे स्मारक के अंदर (हिंदू समुदाय के लोगों को) इस तरह की आवाजाही की अनुमति देते हैं, तो उन्हें अंदर ले जाने वाली चीजों पर उचित दिशानिर्देश बनाने चाहिए.’’
समद ने कहा कि वे नए सर्वेक्षण के उच्च न्यायालय के निर्देश और एक अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तक रिपोर्ट सौंपने को चुनौती देते हुए पहले ही उच्चतम न्यायालय में जा चुके हैं.
हाल ही में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने धार जिले में स्थित विवादित भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर में एएसआई द्वारा सर्वेक्षण की अनुमति दी और छह सप्ताह के भीतर इसकी रिपोर्ट मांगी. मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है.
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