जलवायु वित्त पर विकसित देशों की विफलता एनडीसी को अप्राप्य बनाती है: सीओपी30 में भारत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 16-11-2025
Developed countries' failure on climate finance makes NDCs unattainable: India at COP30
Developed countries' failure on climate finance makes NDCs unattainable: India at COP30

 

नई दिल्ली

भारत ने शनिवार को विकसित देशों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वे जलवायु वित्त संबंधी अपनी ज़िम्मेदारियाँ पूरी करने में विफल रहे हैं। भारत ने चेतावनी दी कि विकासशील देश तब तक अपने जलवायु लक्ष्यों—विशेषकर एनडीसी—को हासिल नहीं कर सकते जब तक उन्हें ‘‘अनुमानित, पारदर्शी और विश्वसनीय’’ वित्तीय सहायता नहीं मिलती।

ब्राज़ील के बेलेम में आयोजित सीओपी30 के दौरान जलवायु वित्त पर तीसरे उच्चस्तरीय मंत्रिस्तरीय संवाद में, भारत ने समान विचारधारा वाले विकासशील देशों (LMDC) की ओर से अपनी बात रखी।

भारत की ओर से वार्ताकार सुमन चंद्रा ने कहा,“विकसित देशों से पर्याप्त वित्तीय संसाधनों के बिना, विकासशील देश एनडीसी को पूरा करने के लिए आवश्यक शमन और अनुकूलन के स्तर तक नहीं पहुँच सकते।”

एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) पेरिस समझौते के अंतर्गत वे राष्ट्रीय जलवायु योजनाएँ हैं, जिनमें उत्सर्जन में कटौती और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन से जुड़े लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं। ये लक्ष्य वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के प्रयासों का आधार हैं।

इस वर्ष देशों को 2031–2035 की अवधि के लिए तीसरे दौर के एनडीसी—जिसे “एनडीसी 3.0” कहा जाता है—प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। भारत ने अब तक अपनी अद्यतन एनडीसी जमा नहीं की है।

भारत ने जोर देकर कहा कि पेरिस समझौते ने विकसित देशों पर विकासशील देशों को जलवायु वित्त प्रदान करने की स्पष्ट और कानूनी रूप से बाध्यकारी जिम्मेदारियाँ डाली हैं।