सुप्रीम कोर्ट में दाऊद के भतीजे इब्राहिम कासकर की जमानत खारिज

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-05-2022
सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भतीजे मोहम्मद इब्राहिम कासकर को एक बिल्डर को कथित तौर पर धमकी देने के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया. मामला 2019का है. न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा, "हमें इस स्तर पर जमानत देने का कोई कारण नहीं दिखता है."


पीठ ने कहा कि यदि जांच पूरी हो गई है और सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया गया हो, तो निचली अदालत को छह महीने की अवधि के भीतर आरोप तय करने का निर्देश दिया जाता है. पीठ ने कहा, "इसके बाद आवेदक के लिए जमानत के लिए एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाने का विकल्प खुला रहेगा."

 

कासकर के खिलाफ 2019में मकोका के तहत एक बिल्डर को कथित तौर पर धमकी देने का मामला दर्ज किया गया था. दिसंबर 2021में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद कासकर ने शीर्ष अदालत का रुख किया. उच्च न्यायालय ने कहा कि अपराध में कासकर की संलिप्तता को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती.

 

आज, शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में आरोप तय नहीं किए गए हैं, इसलिए पीठ ने कासकर की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से छह महीने के भीतर आरोप तय करने को कहा और कासकर को आरोप तय होने के बाद नए सिरे से जमानत के लिए आवेदन करने को कहा.

 

कासकर को जुलाई 2019में गिरफ्तार किया गया था. अक्टूबर 2019में पुलिस ने मकोका के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. उच्च न्यायालय ने जमानत खारिज करते हुए कहा था कि प्रथम ²ष्टया आवेदक की संलिप्तता का अंदाजा किसी ऐसे अपराध में लगाया जा सकता है जिसमें 10साल से अधिक की सजा हो.

 

बिल्डर ने दावा किया था कि उसके बिजनेस पार्टनर का उन पर 15 लाख रुपये बकाया है. जून 2019 में, उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय कॉल आया जिसमें उन्हें भुगतान पर जोर न देने का निर्देश दिया गया था. आरोप था कि वांछित गैंगस्टर छोटा शकील की ओर से अंतरराष्ट्रीय कॉल किया गया था. इसी सिलसिले में कासकर, शकील और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.