यूपी में पत्रकारों और उनके परिवार को लगेगी कोरोना वैक्सीन

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 04-05-2021
यूपी में पत्रकारों को कोरोना वैक्सीन
यूपी में पत्रकारों को कोरोना वैक्सीन

 

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने तेजी से बढ़ते संक्रमण में कोरोना फ्रंटलाइन वॉरियर्स के साथ ही सर्वाधिक प्रभावित मीडिया कर्मियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के साथ समीक्षा बैठक के दौरान यूपी में सभी मीडिया कर्मियों का वरीयता पर कोरोना वैक्सीनेशन का निर्देश दिया है.

उत्तर प्रदेश में अब पत्रकारों और उनके परिवारों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता मिलेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि पत्रकारों के लिये अलग से वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाएं और प्राथमिकता के आधार पर उनका वैक्सीनेशन किया जाए.

उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि सभी पत्रकारों को वैक्सीन लग जाए इसे सुनिश्चित कराएं. जरूरत हो, तो मीडिया दफ्तरों में भी जाकर कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान चलाएं. पत्रकारों के परिवार में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वक्सीन लगाई जाएगी.

कोरोना की लड़ाई में फ्रंट वॉरियर की तरह हमेशा ग्राउंड जीरो पर रिपोर्टिंग का जिम्मा संभालने वाले यूपी के पत्रकारों की सुरक्षा के लिये सरकार की ओर से अब तक का सबसे बड़ा निर्णय मुख्यमंत्री की ओर से लिया गया है.

प्रदेश में समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ ही वेब पोर्टल में काम करने वाले और फ्रीलांसर पत्रकारों की बड़ी संख्या है. पत्रकारों की कठिन ड्यूटी और काम के दौरान समय की कोई बाध्यता नहीं होती है. ऐसे में योगी सरकार ने पत्रकारों और उनके परिवारीजनों को कोरोना से बचाव के लिये वैक्सीन लगाने के निर्देश दिये हैं.

मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर आला अधिकारियों ने प्राथमिकता के आधार पर पत्रकारों का वैक्सीनेशन करने और अलग से वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाने के काम को तेज गति से शुरू कर दिया है.

योगी सरकार अब पत्रकारों की मदद के लिए केंद्र की कल्याण योजना का लाभ देने जा रही है. अब इस योजना का लाभ गैर मान्यता प्राप्त और फ्रीलांसर भी उठा सकेंगे. योजना की पात्रता के लिए भारत सरकार या किसी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए. यदि मान्यता प्राप्त नहीं है तथा वे प्रिंट, इलेक्ट्रानिक अथवा वेब आधारित सेवाओं से पिछले कम से कम पांच वर्षों से जुड़े हैं तो भी वे इस योजना के दायरे में आएंगे.

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि पत्रकार की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 05 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है. स्थाई दिव्यांगता के मामले में पत्रकार को 05 लाख रुपये, कैंसर, रीनल फेल्योर, बाई पास, ओपेन हार्ट सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, ब्रेन हैमरेज और लकवाग्रस्त होने जैसी गंभीर बीमारी की दशा में 03 लाख रुपये तथा किसी गंभीर दुर्घटना के कारण उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 02 लाख रुपये देने का प्रावधान है.