नई दिल्ली. बिहार के बच्चों का एक समूह को विभिन्न राज्यों के मदरसों में भेजा जा रहा था, ताकि उनकी संख्या दिखाकर मदरसे लोगों से दान हासिल कर सकें. बच्चों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पर राज्य बाल पैनल द्वारा गोरखपुर में मुक्त करा लिया गया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने एक्स पर एक पोस्ट में बच्चों के बचाव की बात साझा की. कानूनगो ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया, ‘‘बिहार से दूसरे राज्यों के मदरसों में भेजे जा रहे मासूम बच्चों को एनसीपीसीआर के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य बाल आयोग की मदद से गोरखपुर में बचाया गया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के संविधान ने हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिया है. हर बच्चे के लिए स्कूल जाना अनिवार्य है. ऐसे में गरीब बच्चों को दूसरे राज्यों में ले जाकर धर्म के आधार पर चंदा कमाने के लिए मदरसों में रखना यह संविधान का उल्लंघन है.’’
राष्ट्रीय बाल पैनल के प्रमुख ने कहा, ‘‘ऐसे अपराधों को रोकने के लिए घटना की एफआईआर दर्ज करना जरूरी है, जो गोरखपुर रेलवे पुलिस ने अभी तक नहीं किया है.’’
इससे पहले, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 22 मार्च के फैसले पर रोक लगाते हुए यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया था.
ये भी पढ़ें : असम के 70 वर्षीय मेहबूब अली की राजनीतिक जुड़ाव को लेकर अपील
ये भी पढ़ें : मोमिनपुर की साइमा खान ने UPSC में 165 वीं रैंक हासिल की, बताए कामयाबी के गुर