सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद केंद्र ने चिनाब पर रणबीर नहर के विस्तार की योजना बनाई

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 17-05-2025
Centre plans expansion of Ranbir Canal on Chenab after suspension of Indus Water Treaty
Centre plans expansion of Ranbir Canal on Chenab after suspension of Indus Water Treaty

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के उपरांत सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद भारत को मिलने वाले पानी का अधिकतम उपयोग करने के प्रयासों के तहत केंद्र सरकार चिनाब नदी पर रणबीर नहर की लंबाई बढ़ाने की योजना पर विचार कर रही है. इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक भारत चिनाब से सीमित पानी का उपयोग करता रहा है जिसमें ज्यादातर सिंचाई के लिए होता है, लेकिन अब संधि के निलंबित होने पर इसका उपयोग, खासकर बिजली की मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में बढ़ाए जाने की गुंजाइश है.
 
वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारत नदियों पर अपनी मौजूदा जलविद्युत क्षमता को लगभग 3000 मेगावाट बढ़ाने की योजना बना रहा है जिसका इस्तेमाल पहले पाकिस्तान कर रहा था और जलविद्युत क्षमता बढ़ाने के संबंध में अध्ययन की योजना बनाई जा रही है.
 
अधिकारी ने कहा, ‘‘एक प्रमुख योजना रणबीर नहर की लंबाई को 120 किलोमीटर तक बढ़ाने की है.’’ उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि बुनियादी ढांचे के निर्माण में समय लगता है, इसलिए सभी हितधारकों से प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया गया है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, कठुआ, रावी और परागवाल नहरों से गाद निकालने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.
 
वर्ष 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियों के पानी के वितरण और उपयोग से संबंधित है. लेकिन भारत ने पहलगाम हमले के बाद संधि को निलंबित करने का फैसला किया और तब से भारत कहता आ रहा है कि संधि तब तक निलंबित रहेगी ‘‘जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और स्थायी रूप से सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना नहीं छोड़ देता.’’