बीएसएफ ने ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल की गई एंटी-मटेरियल राइफल 'विध्वंसक' और अन्य हथियारों का प्रदर्शन किया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 27-05-2025
BSF demonstrates anti-material rifle 'Vidhwansak', other weapons used in Operation Sindoor
BSF demonstrates anti-material rifle 'Vidhwansak', other weapons used in Operation Sindoor

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सोमवार को कई तरह के हथियारों का प्रदर्शन किया, जिसमें 'विध्वंसक' एंटी-मटेरियल राइफल भी शामिल है, जिसका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाने के लिए किया गया था। यह प्रदर्शन जम्मू में बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय में एक हथियार प्रदर्शनी के दौरान किया गया.
 
इस कार्यक्रम के दृश्यों में बीएसएफ कर्मियों को एंटी-मटेरियल राइफल (एएमआर), स्वचालित ग्रेनेड लांचर प्रणाली और अन्य भारी हथियारों के इस्तेमाल का प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया. बीएसएफ अधिकारी राकेश कौशिक ने कहा कि विध्वंसक की रेंज 1800 मीटर और 1300 मीटर है। बैरल, बोल्ट और मैगजीन को जरूरत के हिसाब से बदला जाता है. एक मैगजीन में तीन राउंड होते हैं. यह दुश्मन के पिलबॉक्स, बंकर और हथियारबंद कारों को नष्ट कर देता है। यह भारत में बना है और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसने सभी दिए गए लक्ष्यों को नष्ट कर दिया.
 
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि मीडियम मशीन गन को तीन कर्मचारी चलाते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हमलों का मुकाबला करने के लिए बीएसएफ ने इसका इस्तेमाल किया था. उन्होंने बताया कि विध्वंसक का इस्तेमाल करके पाकिस्तान की निगरानी चौकी को नष्ट किया गया. उन्होंने बताया, "यह 650-1000 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर करता है और अपनी गति से बहते पानी को भी रोक सकता है...इसका बहुत बड़ा प्रभाव है. राइफल की रेंज में आने वाली पोस्ट भी नष्ट हो गई." बीएसएफ अधिकारी राम निवास ने बताया, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह ऑटोमेटिक ग्रेनेड सिस्टम दुश्मन की चौकियों, ठिकानों और उनके बुलेटप्रूफ वाहनों को नष्ट करने में बहुत सफल हथियार साबित हुआ। इसकी रेंज 1700-2100 मीटर है.
 
 इससे दागे गए ग्रेनेड का मारक क्षेत्र 10 मीटर है. इसकी फायर बहुत प्रभावी है." बीएसएफ अधिकारी रविकांत ने 12.7 एमएम एंटी क्राफ्ट गन के बारे में बात करते हुए कहा कि यह बेल्ट लोडेड क्रू हथियार है, जिसे तीन जवान चलाते हैं. इसकी रेंज दो किलोमीटर है. यह दुश्मन की कारों और टैंकों को नष्ट करने में उपयोगी है. उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर अच्छा रहा, जो भी हमारे सामने आया, उसे नष्ट कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इस गन ने दुश्मन को अपनी बीओपी (बॉर्डर आउटपोस्ट) छोड़ने पर मजबूर कर दिया.