अवाडा ग्रुप ने महाराष्ट्र में एमएसकेवीवाई 2.0 के तहत 11 सौर संयंत्र चालू किए

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 16-09-2025
Avaada Group commissions 11 solar plants in Maharashtra under MSKVY 2.0
Avaada Group commissions 11 solar plants in Maharashtra under MSKVY 2.0

 

नयी दिल्ली
 
विविध ऊर्जा कंपनी अवाडा ग्रुप ने मंगलवार को महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 (एमएसकेवीवाई 2.0) के तहत सिंचाई के लिए भरोसेमंद बिजली उपलब्ध कराने के लिए 11 सौर ऊर्जा परियोजनाओं के चालू होने की घोषणा की।
 
कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं में किन्ही में चार मेगावाट का संयंत्र, बलदी और डोंगरखर्दा में तीन-तीन मेगावाट, बांसी और पाटन में दो-दो मेगावाट, म्हसोला में पांच मेगावाट, गलवा में दो मेगावाट, पथराड और परजाना में चार-चार मेगावाट और सावरगांव और सरफली में तीन-तीन मेगावाट की परियोजनाएं शामिल हैं।
 
बयान के अनुसार, अवाडा ग्रुप ने महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना (एमएसकेवीवाई) 2.0 के तहत 11 सौर ऊर्जा परियोजनाओं का शुभारंभ किया है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए दिन के समय विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराना और राज्य में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव को बढ़ावा देना है।
 
इन परियोजनाओं से 167 गांवों के लगभग 14,900 किसानों को सिंचाई सुविधाओं में सुधार, लागत में कमी और अतिरिक्त आय के अवसर पैदा होने का लाभ मिलने की उम्मीद है। साथ ही, सिंचाई पंपों के लिए दिन में बिजली की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे रात के समय संचालन पर निर्भरता समाप्त होगी और दुर्घटनाओं और वन्यजीवों से मुठभेड़ के जोखिम में कमी आएगी।
 
अवाडा समूह के चेयरमैन विनीत मित्तल ने बयान में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे स्वच्छ ऊर्जा सीधे ग्रामीण समुदायों का उत्थान कर सकती है।’’
 
कंपनी इस योजना के तहत नासिक, पुणे, सांगली, यवतमाल, अहमदनगर और बीड सहित प्रमुख जिलों में 1,132 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।
 
एमएसकेवीवाई 2.0, 2017 में शुरू किए गए कार्यक्रम का एक उन्नत संस्करण है, जिसका उद्देश्य उच्च-भार वाले सब-स्टेशन के पास 0.5-25 मेगावाट की श्रृंखला में लगभग 7,000 मेगावाट की विकेन्द्रीकृत सौर परियोजनाओं का विकास करके 30 प्रतिशत कृषि फीडर को सौर ऊर्जा से जोड़ना है।