आवाज द वाॅयस /गुवहाटी
सरकारी बुलेटिन के अनुसार, असम में बुधवार को भीषण बाढ़ की स्थिति बनी रही, जिससे राज्य के 27 जिलों में 660,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘‘सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला दीमा हसाओ है जहां बाढ़ और भूस्खलन के कारण कटाव के कारण रेल और सड़क संपर्क प्रभावित हुआ है. जल्द ही संपर्क बहाल करने और भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं.‘‘
सीएम ने कहा, ‘‘4 मीट्रिक टन आवश्यक सामान बुधवार को दीमा हसाओ को भेज दिया गया है और एक और 12 मीट्रिक टन भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा दीमा हसाओ के जिला मुख्यालय हाफलोंग में गिराया जाएगा.‘‘
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण फंसे होजई जिले के निवासियों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और भारतीय सेना के जवानों द्वारा बचाया जा रहा है.
कनेक्टिविटी में व्यवधान के कारण असम, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बराक घाटी में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है. त्रिपुरा और मिजोरम दोनों ने पहले ही पेट्रोलियम उत्पादों की राशनिंग शुरू कर दी है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार तक कछार जिले में कुल 96,697 लोग प्रभावित हुए, इसके बाद होजई में 88,420, नागांव में 58,975, दरांग में 56,960, विश्वनाथ में 39,874 और उदलगुरी जिले में 22,526 लोग प्रभावित हुए.
बाढ़ की इस लहर से 67 राजस्व मंडलों के 1,089 गांव प्रभावित हुए और बाढ़ के पानी में 32944.52 हेक्टेयर फसल भूमि डूब गई.
इस बीच, बाढ़ से प्रभावित जानवरों के लिए सरकार की तैयारियों का आश्वासन देते हुए, असम के वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा कि राज्य सरकार ने काजीरंगा और अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में मौजूदा बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए लगभग 40 हाइलैंड्स का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.
वन अधिकारियों को 24 घंटे ड्यूटी पर सक्रिय बताते हुए उन्होंने कहा कि वे काजीरंगा के साथ नियमित संपर्क में हैं और बचाव के लिए 25 से अधिक नावों के साथ तैयार हैं.