Allahabad High Court directs live streaming inside Banke Bihari temple during Janmashthami
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 25 से 29 अगस्त तक मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव के दौरान कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सौंप दी है. कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर परिसर तक ही लाइव स्ट्रीमिंग को सीमित रखने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने मथुरा के सिविल जज जूनियर डिवीजन के परामर्श से 1939 से चली आ रही मंदिर व्यवस्था के तहत रिसीवर के जरिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति दे दी है. जिला मजिस्ट्रेट को सिविल जज के निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि जन्माष्टमी महोत्सव की व्यवस्थाएं सरकार के साथ मंदिर प्रबंधन की निगरानी में की जाएंगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने पिछले साल अगस्त में मंदिर में मची भगदड़ के बाद मथुरा के अनंत शर्मा और एक अन्य व्यक्ति की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
याचिका की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. अब सरकार ने निर्देशों में संशोधन की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है. लोगों ने सरकार की मांग पर आपत्ति जताई और कहा कि अदालत के आदेश से भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सकता. सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि जन्माष्टमी के अवसर पर उचित व्यवस्था की जाएगी.
उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की जाएगी और एक समय में एक निश्चित संख्या में लोग मंदिर में प्रवेश करेंगे, जबकि मंदिर के अंदर और बाहर लाइव स्ट्रीमिंग होगी और विभिन्न स्थानों पर स्क्रीन लगाई जाएंगी. अधिवक्ता संकल्प गोस्वामी ने मंदिर के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग का विरोध किया, जिस पर अदालत ने केवल मंदिर के अंदर लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी.