अजमेर शरीफ दरगाह दीवान ने विपक्ष के संविधान बदलने के आरोपों पर पलटवार किया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 20-04-2024
Ajmer Sharif Dargah Diwan hits back at opposition's allegations of changing the Constitution
Ajmer Sharif Dargah Diwan hits back at opposition's allegations of changing the Constitution

 

अजमेर (राजस्थान)
 
अजमेर शरीफ दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख और दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन अली खान ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है कि भारतीय जनता पार्टी संविधान बदलना चाहती है. उन्होंने शनिवार को कहा कि गलत भ्रम पैदा किया जा रहा है और संशोधन करना अलग बात है और इसे संविधान बदलने से नहीं जोड़ा जा सकता.
 
"संविधान 1950 में बना था. तब से लेकर अब तक संसद में इसमें कितने संशोधन हो चुके हैं? देशहित और जनहित में अगर संशोधन की जरूरत होगी तो किए जाएंगे. भ्रम पैदा किया जा रहा है. क्या आपातकाल इंदिरा ने लगाया था" 1975 में गांधी जी एक संशोधन नहीं हैं? संशोधन करने को संविधान बदलने से नहीं जोड़ा जा सकता है.''
 
आगे सैयद जैनुल ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि देश पिछले 10 वर्षों में प्रगति कर रहा है और दुनिया में देश ने जो मुकाम हासिल किया है वह मौजूदा सरकार की देन है.
 
 
अजमेर शरीफ दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख ने कहा "देश पिछले 10 वर्षों में प्रगति कर रहा है. देश ने दुनिया में जो मुकाम हासिल किया है वह वर्तमान सरकार की देन है. जनता को भी देखना चाहिए कि हमारे देश को प्रगति की ओर कौन ले जा रहा है और फिर इसके आधार पर अपने वोट का उपयोग करें." 
 
यह पूछे जाने पर कि क्या राम मंदिर चुनाव में मुद्दा होगा, सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि राम मंदिर एक मुद्दा हो सकता है लेकिन इसे चुनाव से नहीं जोड़ा जा सकता.
 
 
 
उन्होंने कहा, "राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही बना. इसमें श्रेय लेने की कोई बात नहीं है. जनता इस बात को समझती है. जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है तो इससे आहत होने का कोई मतलब नहीं है." 
 
साथ ही उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा, ''जब हमारा देश दो हिस्सों में बंटा तो लोग दुनिया में अलग-अलग जगहों पर जाकर बस गए. अब जब उन्हें वापस आना होगा तो कहां जाएंगे? उनके पुराने देश को ही नागरिकता देने के लिए यह कानून लाया गया है.”