मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
ऊपर शीर्षक में लिखे शब्द किसी और के नहीं, बल्कि भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई के हैं. वह देश के एक डॉक्टर के व्यवहार से इस कदर अभिभूत हैं कि उनका तो बार बार शुक्रिया अदा कर ही रहे हैं. भारत द्वारा अफगानिस्तान के लोगों के साथ किए जा रहे कार्यों से भी बेहद प्रभावित हैं. साथ ही उनके बयान में तालिबानियों के सत्ता में आने के बाद अफगानियों को होने वाली परेशानियों की भी झलक मिलती है.
दरअसल, पूरा किस्सा कुछ यूं है. एक दिन अपने स्वास्थ्य कारणों से अफगानिस्तान के भारत में राजदूत फरीद मामुन्दजई इलाज के लिए देश के एक डॉक्टर के पास गए.स्वास्थ्य जांच के दौरान डॉक्टर को पता चला कि उनके सामने बैठा मरीज कोई और नहीं अफगानिस्तान के राजदूत हैं.
उसने इलाज के बदले किसी तरह का कोई भुगतान लेने से मना कर दिया. इसपर मामुन्दजई ने जब डाॅक्टर से कारण पूछा तो उसने बताया कि वह अफगानिस्तान के बहुत कम कर सकते हैं यानी में एक भाई से चार्ज नहीं करूंगा.
इस घटना को याद करते हुए अफगानिस्तान के राजदूत मामुन्दजई कहते हैं,‘ आभार के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.’उसके बाद भारत और भारतीय संस्कृति को वह इन शब्दों में बयान करते हैं-‘‘यह है भारतः प्यार, सम्मान, मूल्य और करूणा.’’
पिछले सात वर्षों में अफगानिस्तान के विकास और शांति के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को याद करते हुए कहते हैं-‘‘आपके कारण मेरे दोस्त अफगान थोड़ा कम रोते, थोड़ा और मुस्कराते हैं और बहुत अच्छा महसूस करते हैं.’’
अफगानिस्तान के भारत में राजदूत ने यह सारी बातें अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से हिंदी में साझा की हैं. इसके साथ हैशटैग अफगानिस्तान एवं हैशटैग इंडिया भी लिखा है. हालाकि ट्विटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का उल्लेख नहीं है, पर अप्रत्यक्ष रूप से वह ट्विट में इस ओर ही इशारा करते हैं.
फरीद मामुन्दजई ने इस घटना को लेकर दो ट्विट किए हैं. उसे गंभीरता से पढ़ने पर अफगानिस्तान में संभावित तालिबानी हुकुमत के चलते भविष्य में पैदा होने वाली दुश्वारियों का भी आभास होता है. इनके इन दोनों ट्विट को करीब 12 हजार लोग खबर लिखने तक लाइक और 17 लोग रीट्विट कर चुके थे.