आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
निर्देशक रमेश सिप्पी ने कहा है कि दिग्गज अभिनेता असरानी को “शोले” फिल्म में सनकी जेलर की भूमिका निभाने के लिए हमेशा याद रखा जाएगा और ऐसा लगता है कि यह भूमिका केवल उन्हीं के लिए थी।
सोमवार को 84 वर्ष की आयु में अभिनेता का निधन होने के बाद शोक व्यक्त करते हुए 'शोले' के निर्देशक सिप्पी ने कहा कि जब वे हाल ही में मिले थे, तो असरानी 'बिल्कुल ठीक' लग रहे थे।
सिप्पी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, "यह (निधन) अचानक हुआ... उन्होंने बहुत काम किया, लेकिन यह ('शोले' में उनकी भूमिका) सबसे अलग थी। मैं उन्हें लंबे समय तक याद रखूंगा। यह किरदार केवल उन्हीं के लिए था।”
इस फिल्म में असरानी का किरदार चार्ली चैपलिन की फिल्म "द ग्रेट डिक्टेटर" पर आधारित था, जो हिटलर पर कटाक्ष था।
"शोले" फिल्म की कहानी सलीम खान और जावेद अख्तर ने लिखी थी।
सिप्पी ने कहा कि उन्होंने पहली बार असरानी के साथ "सीता और गीता" में काम किया था और जिस तरह से अभिनेता ने अपने किरदार को निभाया, उससे वे बहुत प्रभावित हुए।
सिप्पी ने याद करते हुए कहा, "फिर 'शोले' आई, जो सलीम-जावेद ने लिखी। उन्होंने मेरे साथ इस पर चर्चा की। हम सभी ने सोचा कि असरानी सही व्यक्ति होंगे। हमने उन्हें बुलाया, उनके साथ इस पर चर्चा की। वह यह भूमिका निभाने के लिए बहुत खुश थे।”
फिल्म निर्माता ने जेलर का किरदार अत्यंत नैसर्गिक तरीके से निभाने के लिए असरानी की प्रशंसा की।
सिप्पी ने कहा, "उन्होंने इसे नैसर्गिक रूप से निभाया; ऐसा लगा जैसे वह इस भूमिका के लिए ही बने हों। हिटलर एक ऐसा व्यक्ति है जिसके बारे में किताबें लिखी गई हैं, कहानियां सुनाई गई हैं, उसके आचरण और उसके द्वारा की गईं हत्याओं ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा।”
सिप्पी (78) ने कहा, "लेकिन इस पर (हिटलर पर) एक हास्य किरदार एक बेहतरीन विचार था... उन्होंने (असरानी) इतना अच्छा काम किया कि लोग आज तक उन्हें याद करते हैं। इस किरदार को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।"