तांडव: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सैफ अली खान, अली अब्बास जफर हो सकते हैं गिरफ्तार

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 27-01-2021
तांडव: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सैफ अली खान, अली अब्बास जफर हो सकते हैं गिरफ्तार
तांडव: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सैफ अली खान, अली अब्बास जफर हो सकते हैं गिरफ्तार

 

 
नई दिल्ली. वेब श्रृंखला ‘तांडव‘ के अभिनेताओं, निर्माताओं की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की थी. तांडव में सैफ अली खान समेत अन्य अभिनेताओं ने अभिनय किया है. अली अब्बास जफर इसके निर्देशक हैं. न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने केवल देश भर में पंजीकृत विभिन्न एफआईआर की क्लबिंग पर नोटिस जारी किया और अभिनेता जीशान अयूब और अन्य को मामलों में एफआईआर या जमानत रद्द करने के लिए उच्च न्यायालयों का रूख करने को कहा.
 
वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन ने वेब श्रृंखला के कलाकारों और निर्माताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई के आदेश नहीं देने का अनुरोध किया. हालांकि, पीठ ने राहत देने से इनकार कर दिया . कहा कि आप उच्च न्यायालय जाएं.सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि वह एफआईआर क्लब करने के अनुरोध पर विचार कर सकता है, लेकिन वह सीआरपीसी के तहत उच्च न्यायालय की शक्ति नहीं ले सकता.
 
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने के आदेश देने, एफआईआर को क्लब करने और पार्टियों को नोटिस जारी करने का अनुरोध किया, जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश सुनाया.
 
दोपहर के भोजन से पहले, शीर्ष अदालत ने कहा कि अमेजन प्राइम पर तांडव वेब श्रृंखला के अभिनेताओं और निर्माताओं के खिलाफ एफआईआर पर रोक की मांग पर सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से माना था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता निरपेक्ष नहीं है.
 
लूथरा ने तर्क दिया कि वेब श्रृंखला के निर्देशक को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से देश में स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए और देश भर में एफआईआर दर्ज की जा रही हैं.‘‘पीठ ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता निरपेक्ष नहीं है और यह प्रतिबंधों के अधीन है.
 
नरीमन ने कहा कि माफी मांग ली गई है, और इसके बावजूद छह राज्यों में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. न्यायमूर्ति भूषण ने जवाब दिया , ‘‘आप चाहते हैं कि एफआईआर को खत्म कर दिया जाए, फिर आप उच्च न्यायालयों से संपर्क क्यों नहीं कर सकते?‘‘
 
नरीमन ने कहा कि वेब श्रृंखला निमार्ताओं ने आपत्तिजनक सामग्री को हटा दिया है और अभी भी उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं.पीठ ने कहा कि अगर माफी दी गई है तो पुलिस भी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर सकती है.