नई दिल्ली
बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के दिन में आठ घंटे से अधिक काम न करने के बयान के बाद फिल्म इंडस्ट्री में काम के घंटों को लेकर बहस तेज़ हो गई है। इसी चर्चा के बीच सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की कार्यशैली सामने आई है, जिसने एक बार फिर साबित कर दिया कि अनुशासन, समर्पण और जुनून उम्र का मोहताज नहीं होता।
83 वर्ष की उम्र में भी जिस ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ अमिताभ बच्चन काम कर रहे हैं, वह न सिर्फ उनके प्रशंसकों बल्कि इंडस्ट्री के साथी कलाकारों के लिए भी प्रेरणा है। हाल ही में इस बात का खुलासा अभिनेता शारिब हाशमी ने किया, जो वेब सीरीज़ द फैमिली मैन में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं।
दरअसल, मनोज बाजपेयी, शारिब हाशमी और जयदीप अहलूवालिया लोकप्रिय क्विज शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के सेट पर मेहमान बनकर पहुंचे थे। इस एपिसोड की शूटिंग के बाद दिए गए एक इंटरव्यू में शारिब हाशमी ने अमिताभ बच्चन की दिनचर्या और काम करने की क्षमता के बारे में विस्तार से बात की।
शारिब के मुताबिक, अमिताभ बच्चन रोज़ाना सुबह करीब 9 बजे सेट पर पहुंच जाते हैं और शूटिंग खत्म करने के बाद रात लगभग 12 बजे घर लौटते हैं। यानी बिग बी एक दिन में करीब 13 घंटे लगातार काम करते हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि वे एक ही दिन में तीन-तीन एपिसोड की शूटिंग करते हैं।
अमिताभ बच्चन की मानसिक और शारीरिक दृढ़ता से प्रभावित शारिब हाशमी ने कहा,“उनके अंदर एक अलग ही स्तर की शक्ति है। इस उम्र में भी वह एक दिन में तीन एपिसोड शूट करते हैं। वे सुबह 9 बजे सेट पर पहुंच जाते हैं और हमारे एपिसोड की शूटिंग रात 12 बजे तक चली थी।”
इतने लंबे समय तक शूटिंग करने के बावजूद अमिताभ बच्चन के चेहरे पर न थकान दिखती है और न ही उत्साह में कोई कमी। शारिब ने बताया कि देर रात तक काम करने के बाद भी बिग बी पूरी तरह सतर्क और ऊर्जावान नज़र आते हैं।
शारिब के शब्दों में,“हम लोग तो सोच रहे थे कि अब थोड़ा आराम मिलेगा, नींद आएगी। लेकिन सर को देखकर ऐसा सोचना ही नामुमकिन था। इतने बड़े स्टार बनना आसान नहीं होता।”
शारिब हाशमी के लिए अमिताभ बच्चन से मिलना और उनके साथ समय बिताना किसी सपने के सच होने जैसा था। उन्होंने भावुक होते हुए कहा,“मुझे ऐसा लगा जैसे मैं सपना देख रहा हूं। वह दिन मेरे लिए बेहद खास था। यह याद मेरे साथ ज़िंदगी भर रहेगी।”
अमिताभ बच्चन की यह कार्यशैली न सिर्फ उनकी पेशेवर प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि क्यों वे दशकों से भारतीय सिनेमा में एक मिसाल बने हुए हैं। उम्र चाहे जो भी हो, अगर जुनून जिंदा हो, तो मेहनत की कोई सीमा नहीं होती—और अमिताभ बच्चन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।






.png)