आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
मलयाली फिल्मों के दिग्गज अभिनेता मोहनलाल ने भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार को सिनेमा व दर्शकों को समर्पित करते हुए कहा कि आज सिनेमा की कोई सीमा नहीं है और पूरे भारत में इसकी आसान पहुंच है.
अभिनेता ने वर्ष 2023 के लिए सिनेमा के क्षेत्र में देश के सर्वोच्च सम्मान के लिए चुने जाने के एक दिन बाद कहा कि जब उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से पुरस्कार की सूचना देने के लिए फोन आया, तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ.
मोहनलाल ने रविवार को यहां संवावादाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगा कि यह कोई सपना है। मैंने उनसे इसे दोहराने के लिए भी कहा.’’
मोहनलाल ने इस सम्मान का श्रेय फिल्म जगत के सामूहिक प्रयासों और अपने पूरे करियर में दर्शकों के अटूट समर्थन को दिया.
मोहनलाल ने कहा, ‘‘यह सिर्फ मेरा पुरस्कार नहीं है बल्कि भारतीय सिनेमा का सम्मान है। मैं इस सम्मान के लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा करता हूं। कोई भी काम ईमानदारी और लगन से किया जाना चाहिए और इस दौरान कई लोगों ने मेरी मदद की। मैं यह पुरस्कार उन सभी के साथ बांटता हूं.
मोहनलाल ने फिल्म जगत को अपना ईश्वर बताया.
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं कहता हूं कि यह पुरस्कार ईश्वर प्रदत्त है। हम जो काम करते हैं उसमें ईमानदारी है.’
दिग्गज अभिनेता ने कहा, ‘‘ मैं यह पुरस्कार सभी के साथ बांटता हूं। मैं आलोचनाओं से डरकर पीछे हटने वाला व्यक्ति नहीं हूं, इस पल को संजोकर रखना है.
फिल्मों में 48 साल पूरे कर चुके मोहनलाल ने कहा कि उन्हें फिल्म जगत के कुछ महानतम कलाकारों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला और इस सम्मान के पीछे उनका आशीर्वाद है.