आवाज द वाॅयस नई दिल्ली
बोर्ड परीक्षाओं में एवरेज मार्किंग सिस्टम से टॉप के छात्र नाखुश हैं.टॉपर छात्र बोर्ड परीक्षा में एवरेज मार्किंग सिस्टम से नाखुश हैं.कोरोना महामारी ने पिछले डेढ़ साल से शिक्षा क्षेत्र के साथ व्यवसायों और नौकरियों को भी प्रभावित किया है.
बोर्ड परीक्षाओं में, औसत अंक प्रणाली से नाखुश टॉपर्स पिछली कक्षाओं की तुलना में कम अंक प्राप्त करने से निराश दिखे. खासकर हाईस्कूल और सीनियर सेकेंडरी बोर्ड की परीक्षाओं के न होने से परिणाम के लिए अंक प्रणाली ने असाधारण योग्यता वाले छात्रों को निराश किया है.
सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड के परिणामों की घोषणा के बाद, यूपी बोर्ड उच्च माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक परिणाम घोषित किए गए. बोर्ड की अंतिम कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर औसत अंक प्रणाली से जहां औसत छात्रों में खुशी देखी गई.
दूसरी ओर, असाधारण शैक्षणिक क्षमता वाले शीर्ष छात्र अंकों से निराश थे. पिछली कक्षाओं में अच्छे अंक लाने वाले बच्चे अब औसत अंक में कम प्रतिशत से निराश और नाखुश हैं.
शिक्षा के क्षेत्र के जानकारों का भी कहना है कि एवरेज मार्किंग के जरिए रिजल्ट की घोषणा छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की महज एक औपचारिकता है. कोरोना महामारी से पैदा हुए हालात को देखते हुए इसका स्थाई समाधान निकालना जरूरी है ताकि शिक्षा में सुधार करने वालों को न्याय मिल सके.
कोरोना महामारी के प्रकोप ने पिछले दो शैक्षणिक सत्रों से कक्षा शिक्षा और बोर्ड परीक्षाओं को प्रभावित किया है, लेकिन परीक्षा परिणामों के लिए औसत अंक प्रणाली का उपयोग करना महत्वपूर्ण है ताकि छात्रों की शिक्षा और कड़ी मेहनत बर्बाद न हो.