गुरू जी आप ग्रेट हैंः छिंदवाड़ा के शिक्षकों ने अपने वेतन से बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 02-01-2022
गुरू जी आप ग्रेट हैंः छिंदवाड़ा के शिक्षकों ने अपने वेतन से बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर
गुरू जी आप ग्रेट हैंः छिंदवाड़ा के शिक्षकों ने अपने वेतन से बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर

 

छिंदवाड़ा. आम तौर पर सरकारी स्कूलों और वहां के शिक्षकों को लेकर जनसामान्य के बीच धारणा अच्छी नहीं होतीं मगर मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की स्कूल के शिक्षक सरकारी स्कूलों को लेकर बनी धारणा को तोड़ने का काम कर रहे हैं. यहां के शिक्षकों ने स्कूल की सूरत बदलकर नई मिसाल पेश की है. छिंदवाड़ा के मोहखेड़ विकासखंड का उमरानाला संकुल में स्थित है आदिवासी गांव घोघरी. यहां के शासकीय माध्यमिक शाला की चर्चा हर तरफ है, उसकी भी वजह है, क्योंकि यह स्कूल दूसरे सरकारी स्कूलों से अलग है.

इस सरकारी स्कूल के 3 शिक्षकों ने अपने वेतन से तय राशि इकट्ठा करके संस्था की तस्वीर बदलने का काम कर दिखाया है. इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनिल कोठेकर ने अपने 2 शिक्षक साथी रघुनाथ तावने और रामू पवार के साथ मिलकर स्कूल की सूरत बदलने के साथ छात्रों को आधुनिक सुविधा मुहैया कराने की मुहिम शुरू किया. बीते 5 साल से यह शिक्षक अपने वेतन से हर माह एक प्रतिशत राशि विकास में लगाते हैं.

शाला की सूरत बदलने में लगे शिक्षकों का कहना है कि वे चाहते हैं कि उनके शाला में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर माहौल भी मिले. स्कूल की साज-सज्जा की गई है साथ में उसे हाईटेक भी किया गया है. यहां स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर, लाउडस्पीकर , लैपटॉप और टेबलेट भी है. इसके जरिए बच्चों को पढ़ाया जाता है. यह विद्यालय आसपास के इलाके में खास अहमियत रखता है, क्योंकि यहां डिजिटल तरीके से भी पढ़ाई हो रही है. इसे देखने के लिए कई स्कूलों के शिक्षक भी आते हैं.

स्कूल के प्रधानाध्यापक कोठेकर का कहना है कि शिक्षकों ने छात्रों के सहयोग से इस स्कूल में बड़े बदलाव लाए हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चौरगड़े ने बताया है कि घोघरी की माध्यमिक शाला के शिक्षकों ने मिलकर स्मार्ट क्लास तैयार की है. इस नवाचार से बच्चों को बेहतर शिक्षा सुलभ हो रही है. इस तरह के प्रयोग और भी शालाओं में किए जा रहे हैं.

स्कूल के छात्र भी बदले स्वरूप से काफी खुश हैं. उनका कहना है कि उन्हें पढ़ाई के लिए आधुनिक सुविधा तो मिल ही रही है. साथ में पौधारोपण से लेकर अन्य कार्य भी वे करते हैं. इसमें उन्हें शिक्षकों का भरपूर साथ मिलता है.

स्कूल के बदले माहौल ने छात्रों में भी पढ़ने की ललक बढ़ाई है. यहां का माहौल किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है. अगर यहां किसी कमी की बात की जाती है, तो वह बेहतर खेल का मैदान न होना है.