ऐतिहासिक शेखावाट क्षेत्र की मुस्लिम बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में गाड़ रहे हैं झंडे

Story by  अशफाक कायमखानी | Published by  [email protected] | Date 24-07-2022
ऐतिहासिक शेखावाट क्षेत्र की मुस्लिम बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में गाड़ रहे हैं झंडे
ऐतिहासिक शेखावाट क्षेत्र की मुस्लिम बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में गाड़ रहे हैं झंडे

 

अशफाक कायमखानी  / सीकर ( राजस्थान )
 
राजस्थान के सीकर-चूरु व झूंझुनू जिलों को मिलाकर कहलाने वाले शेखावाटी जनपद की मुस्लिम बेटे- बेटियां पिछले कुछ सालों से शिक्षा के क्षेत्र में झंडे गाड़ रहे हैं.

सिविल,सेना,न्यायिक सहित मेडिकल-इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के साथ इस बार के बोर्ड एग्जाम मंे भी बेहतर परिणाम देकर समाज का नाम रोशन किया है. इस बार के बोर्ड एग्जाम में शेखावट की मुस्लिम बच्चियों का रिजल्ट मुस्लिम लड़कों से कम नहीं रहा है.
 
झूंझुनू जिले के साधारण परिवार की सोहा अली ने राजस्थान बोर्ड आफ एजुकेशन की सीनियर कक्षा में शतप्रतिशत अंक यानि 500 में से 500 अंक पाकर कीर्तिमान स्थापित किया है. इसी झूंझुनू जिले की इसमा खान ने एमए राजनीतिक विज्ञान में राजस्थान विश्वविद्यालय में टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल किया है.
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सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में सीकर की जैनब मलवान ने विज्ञान में 98.60 प्रतिशत अंक लाए हैं. वहीं सीबीएसई के सीनियर आर्ट में चूरु की आशिमा खान 97 प्रतिशत अंक लाने में सफल रहीं.
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झूंझुनू की सिमरन ने सीनियर विज्ञान में 96 प्रतिशत लिए हैं. झूंझुनू की ही आलिया सैयद ने सीनियर आर्ट में 91.4 प्रतिशत अंक लाया है. बोर्ड एग्जाम से इतर सीकर जिले की फरजाना खान चार्टेड एकाऊंटेंट बनी हैं.
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बेटियों के मुकाबले बेटे भले ही बेहतर नहीं कर पाए हैं, पर कई लड़कों ने काफी बेहतर किया है. झुंझुनूं जिले के शाहिद खान ने सीबीएसई की 12 बोर्ड में 99.97 परसंटाईल लाए हैं.
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वहीं शाकीर अब्बासी को 97.41 परसंटाईल मिला है. इसके अतिरिक्त पीटीईटी परीक्षा में पूरे राजस्थान को सीकर के अकबर खान ने टॉप करके कामयाबी का परचम लहराया है.
 
इसके बावजूद इस बार  सीबीएसई व स्टेट एजुकेशन बोर्ड में बेटियों का प्रदर्शन बेहर सराहरनीय है.
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क्या है शेखावटी समाज ?

शेखावाटी उत्तर-पूर्वी राजस्थान का एक अर्ध-शुष्क ऐतिहासिक क्षेत्र है. राजस्थान के वर्तमान सीकर और झुंझुनू जिले शेखावाटी के नाम से जाने जाते हैं. इस क्षेत्र पर आजादी से पहले शेखावत क्षत्रियों का शासन होने के कारण इस क्षेत्र का नाम शेखावाटी प्रचलन में आया.
 
देशी राज्यों के भारतीय संघ में विलय से पूर्व मनोहरपुर-शाहपुरा, गोङियावास खंडेला, सीकर, खेतडी, बिसाऊ लामिया, सूरजगढ़, नवलगढ, मंडावा,
बलोदा(पिलानी), मुकंदगढ़, दांता, खुड, ’ कंकङेऊ कलां,खाचरियाबास, अलसीसर,यासर,मलसीसर लक्ष्मणगढ,बीदसर आदि बड़े-बड़े प्रभावशाली संस्थान शेखा जी के वंशधरों के अधिकार में थे.
 
वर्तमान शेखावाटी क्षेत्र पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व मानचित्र में तेजी से उभर रहा है. यहां पिलानी और लक्ष्मणगढ़ के भारत प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र हैं. वही नवलगढ़, फतेहपुर, गंगियासर, अलसीसर, मलसीसर लक्ष्मणगढ़, बलोदा, मंडावा आदि जगहों पर बनी प्राचीन बड़ी-बड़ी हवेलियां अपनी विशालता और भित्ति चित्रकारी के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं, जिन्हें देखने देशी-विदेशी पर्यटकों का तांता लगा रहता है.
 
पहाड़ों में सुरम्य जगहों पर बने जीण माताद्यजीण माता मंदिर, शाकम्बरीदेवी का मंदिर, लोहार्ल्गल के अलावा खाटू में बाबा खाटूश्यामजी का (बर्बरीक का मंदिर), सालासर में हनुमान जी का मंदिर, कंकङेऊ कलां में बाबा माननाथ की मेङी आदि स्थान धार्मिक आस्था के ऐसे केंद्र है जहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं.
 
इस शेखावाटी क्षेत्र ने जहां देश के लिए अपने प्राणों को बलिदान करने वाले देशप्रेमी दिए वहीं उद्योगों व व्यापार को बढ़ाने वाले सैकडांे उद्योगपति व व्यापारी भी दिए जिन्होंने अपने उद्योगों से लाखों लोगों को रोजगार देकर देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दिया है.
 
भारतीय सेना को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला झुंझुनू जिला शेखावाटी का ही भाग है.