राकेश चौरासिया/नई दिल्ली-काबुल
अफगानिस्तान में एक ओर महिला अधिकार के लिए सक्रिय कार्यकर्ता काबुल की सड़कों पर समाज और राजनीति में महिलाओं की भागेदारी के लिए खतरनाक माहौल में प्रदर्शन कर रही हैं, तो दूसरी ओर तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं. एक यूनीवर्सिटी में छात्र और छात्राओं के बीच पर्दे की दीवार लगा दी गई है.
तालिबान ने काबुल पतन के बाद ही कहना शुरू कर दिया था कि वे देश को शरिया के हिसाब से चलाएंगे, जिसमें महिलाओं का पर्दा करना लाजिमी होगा.
इसी क्रम में कोएड शिक्षा पर भी पाबंदी की घोषणा की थी.
खामा प्रेस न्यूज एजेंसी के अनुसार सह शिक्षा पर पाबंदियां विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, निजी संस्थानों के मालिकों और तालिबान के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद शुरू हो गई हैं.
सूत्रों के अनुसार हेरात में सह शिक्षा पर पाबंदी लगा दी गई है.
ताजा तस्वीर काबुल की है. इसमें एक कक्षा में छात्र-छात्राएं बैठे हुए हैं और उनके बीच पर्दे की एक दीवाल लगी हुई है.
एक पत्रकार मज्द खलीफा के सत्यापित ट्विटर एकाउंट से एक ट्वीट किया गया है, जिसमें लड़के और लड़कियों के बीच पर्दे की दीवाली बनाई गई है.
यह दृश्य काबुल की एलबीएन सीना यूनीवर्सिटी का है, जिसमें एक शिक्षक पढ़ा रहे है. कभी वह पर्दे के इस तरफ देखकर छात्राओं को समझाता है, तो कभी पर्दे के उस तरफ देखकर छात्रों को समझाता है.
तालिबान के कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने कहा कि अफगान महिलाओं को विश्वविद्यालय में पढ़ने की अनुमति होगी, लेकिन उनके शासन में सह शिक्षा पर प्रतिबंध रहेगा.
उन्होंने कहा कि “तालिबान एक उचित और इस्लामी पाठ्यक्रम बनाना चाहता है, जो हमारे इस्लामी, राष्ट्रीय और ऐतिहासिक मूल्यों के अनुरूप हो और दूसरी ओर, अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो.”
1990के दशक में तो तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा से प्रतिबंधित ही कर दिया था.
इस बार गनीमत है कि महिला शिक्षा को जारी रखा गया है, लेकिन पर्दे की दीवालें बनाई जाएंगी.
Trending in #Afghanistan: the beginning of the academic school year. (Ibn Sina University - #Kabul). pic.twitter.com/PiBtixLvtw
— Majd Khalifeh (@Majd_Khalifeh) September 6, 2021