हैदराबाद:
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) 13 और 14 नवंबर, 2025 को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सम्मेलन का आयोजन कर रही है, जिसका विषय है:“उर्दू, हिंदी, अरबी और फ़ारसी – भाषाई, साहित्यिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक आदान-प्रदान में सभ्यतागत संगम”।
MANUU के कुलपति और सम्मेलन संरक्षक प्रो. सैयद ऐनुल हसन के अनुसार, दुनिया भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के प्रतिष्ठित विद्वान और बौद्धिक शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य यह दर्शाना है कि ये चार भाषाएँ कैसे खूबसूरती से आपस में घुल-मिलती हैं, भारतीय संस्कृति, विरासत और साहित्य पर उनका प्रभाव कैसा रहा है, और भारतीय उपमहाद्वीप में ये भाषाएँ अतीत से लेकर वर्तमान तक किस प्रकार सामंजस्यपूर्वक प्रगति करती रही हैं।
सम्मेलन के मुख्य वक्ता प्रो. नाइल ग्रीन, इतिहास विभाग, UCLA, USA हैं, जिन्होंने उर्दू क्षेत्र के लिए “Urdu Sphere” की संज्ञा दी है। सम्मेलन के आयोजक और MANUU के संयोजक प्रो. S. इम्तियाज हसनैन के अनुसार, यह सम्मेलन भाषाओं और अन्य क्षेत्रों में हुए आदान-प्रदान, उनके परिणाम और प्रभावों पर चर्चा करेगा।
विश्वभर से सम्मेलन में शामिल होने वाले विद्वान हैं: अलेक्जेंडर जब्बारी (University of Minnesota, USA), रिज़वान अहमद (Qatar University), आर्थर डडनी (UK), तकी अबेदी (Canada), नर्गिस जबेरीनासब (Iran)। भारत के प्रतिष्ठित विद्वान भी इसमें शामिल होंगे, जिनमें पुरुषोत्तम अग्रवाल (JNU), ज़मान अजुरदाह (Srinagar), मोहन (Sikkim), श्रीश चौधरी (IITM), ज्योति सभरवाल (DU), शाहाबुद्दीन साकिब (AMU), शंभुनाथ (AMU), कैसर शमीम (Delhi), शम्स इक़बाल (NCPUL), सैयद A. सईद (EFLU, Iran), और सोहैल हाशमी (Delhi) शामिल हैं।
सम्मेलन का उद्देश्य भाषाओं और संस्कृति के बीच गहरे बौद्धिक और साहित्यिक संवाद को उजागर करना है।