अलीगढ़. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) लगातार शैक्षणिक सफलता हासिल कर रहा है. कोरोना की दूसरी लहर के कारण शिक्षण संस्थान भयानक दौर से गुजरा. इससे उसे शैक्षणिक कार्य में काफी दिक्कतें हुईं. अब इस संस्थान में अकादमिक उपलब्धियों ने खुशियां वापस ला दी हैं. विभिन्न क्षेत्रों में एएमयू के छात्रों का सार अब सुर्खियों में है. अब एक और बड़ी खबर आई है कि देश के सबसे बड़े केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा प्रकाशित पाठ्य पुस्तक में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एनेस्थिसियोलॉजी के प्रोफेसर सैयद मोईद अहमद का काम शामिल किया गया है.
सैयद मोईद अहमद जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, एएमयू के प्रोफेसर हैं. सीबीएसई कक्षा 9विज्ञान पाठ्यक्रम में उनके शोध पत्र कम्प्रेशन फॉर कार्डिएक पल्मोनरी रिकवरी बाय ए कॉमन मैन आउट ऑफ हॉस्पिटल‘’ के अंश शामिल किए गए हैं.
एल्गोरिदम और अंकगणित के साथ उनके शोध प्रबंध का एक हिस्सा अब नौवीं कक्षा की विज्ञान पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 91-94पर पढ़ा जा सकता है.
प्रोफेसर सैयद मोईद अहमद ने एक बयान में कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कौशल है और स्कूली छात्रों सहित हर नागरिक को इसे सीखना चाहिए. यह कौशल कब काम आएगा यह कोई नहीं जानता. बेहोश व्यक्ति को कार्डियो-पल्मोनरी अपर्याप्तता है, ऐसे व्यक्ति को सीपीआर प्रदान करने का अर्थ है पीड़ित को जीवन दान देना.
प्रो. सैयद मोईद ने आगे कहा कि सीपीआर दरों में वृद्धि के आधार पर, यह कौशल अस्पताल के बाहर हृदय गति रुकने की स्थिति में उच्च मृत्यु दर को कम करने में सहायक होगा.
एएमयू के लिए यह एक बड़ी और सकारात्मक खबर है. अब कोरोना के बुरे दिनों को भुलाने की कोशिश की जा रही है. जिससे एएमयू शिक्षा समुदाय को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन एएमयू के छात्रों के साथ, शिक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा है, जो उत्साह और जुनून का एक प्रमाण है.