आवाज द वाॅयस /अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के संकाय सदस्य डॉ फैज नूर खान यूसुफ (सांख्यिकी और संचालन अनुसंधान विभाग), प्रो अकील अहमद (अध्यक्ष, सांख्यिकी एवं संचालन अनुसंधान विभाग) और निवर्तमान निदेशक, राजीव गांधी मधुमेह केंद्र और एंडोक्रिनोलॉजी, जेएनएमसी, एएमयू के प्रोफेसर जमाल अहमद ने टाइप -2 मधुमेह के रोगियों में हृदय रोग के बारे में पता लगाने के लिए एक अनूठी प्रणाली विकसित की है. इसे हाल में ऑस्ट्रेलिया सरकार के पेटेंट आयुक्त द्वारा पेटेंट कराया गया है.
इस आविष्कार से मधुमेह के रोगियों में हृदय रोग की संभावना का पहले से पता लगाया जा सकता है. आविष्कार के बारे में बात करते हुए प्रो. अकील अहमद ने कहा कि इसने एक जोखिम भविष्यवाणी मॉडल अपनाया है जो हृदय रोगों और टाइप-2 मधुमेह के कारण होने वाली जटिलताओं के बारे में जानकारी देता है.
उनका कहना है कि टाइप-2 मधुमेह के कारण हृदय रोग के बढ़ते मामलों को देखते हुए वर्तमान समय में आविष्कार का बहुत महत्व है. जब दुनिया भर के वैज्ञानिक रोकथाम तकनीकों पर काम कर रहे हैं, यह अविष्कार इसमें महत्वपूर्ण योगदान देगा.
यह निश्चित रूप से उपयोगी साबित होगा. डॉ फैज नूर खान यूसुफी ने कहा कि मॉडल डॉक्टरों और रोगियों दोनों को हृदय रोग की निगरानी, मृत्यु के जोखिम को कम करने और दिल का दौरा पड़ने के लिए अस्पताल जाने के जोखिम को कम करने में मदद करेगा.
प्रोफेसर जमाल अहमद ने कहा कि ऐसे समय में जब हृदय रोग की भविष्यवाणी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के उपयोग में लंबा समय लगने की संभावना है, यह आविष्कार निश्चित रूप से हृदय रोग के बारे में लोगों के सोचने के तरीके को बदल देगा. यह टाइप 2 मधुमेह के रोगियों के इलाज में डॉक्टरों की भी मदद करेगा.